Sand pouring on railway track: ट्रेन के पहियों के पास सैंड चेम्बर्स होते हैं जिनसे रेत को रेलवे ट्रैक पर गिराया जाता है. ऐसा क्यों किया जाता है ये जानना बेहद ही जरूरी है.
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Sand pouring on railway track: आपने शायद गौर किया होगा कि कई बार ट्रेन के पहियों पर रेत गिराई जाती है, लेकिन ऐसा क्यों किया जाता है इस बारे में ज्यादातर लोगों को जानकारी नहीं होती है. हालांकि इसके पीछे एक बड़ा कारण होता है. आज हम आपको इसके पीछे के कारण के बारे में बताने जा रहे हैं कि आखिर भारतीय रेलवे ऐसा क्यों करती है.
ये है ट्रैक पर रेत डालने का कारण
ट्रेन के पहियों के पास रेत डालने के पीछे जो सबसे बड़ा कारण है वो है यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, जी हां. दरअसल ऐसा करने से ट्रेन के पहियों और रेल की पटरी के बीच घर्षण (friction) बढ़ता है, जिससे ट्रेन की ब्रेकिंग और खिंचाव बेहतर हो पाता है. खासतौर पर जब ट्रेन अचानक रुकने की कोशिश करती है या फिसलन भरे रास्तों, जैसे गीली पटरियों या ढलान पर चलती है, तो पहिए और पटरी के बीच पर्याप्त घर्षण की कमी होती है. ऐसे में रेत का इस्तेमाल करके घर्षण को बढ़ाया जाता है, जिससे पहिए फिसलते नहीं और ट्रेन सुरक्षित रूप से रुक पाती है.
इसका उपयोग विशेष रूप से ढलान पर चढ़ते समय भी होता है, ताकि पहिए पटरी पर पकड़ बनाए रखें और ट्रेन आसानी से आगे बढ़ सके. ये सिस्टम सालों से इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे ना सिर्फ यात्री सुरक्षित रहते हैं बल्कि ट्रेन को भी सुरक्षित तरीके से ब्रेक लगाने में आसानी होती है.