भारत के अनुसार कल कब शुरू होगा सूर्य ग्रहण? जानें सूतक काल समेत सारी डिटेल्‍स
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भारत के अनुसार कल कब शुरू होगा सूर्य ग्रहण? जानें सूतक काल समेत सारी डिटेल्‍स

Surya Grahan 14 October 2023 Date and Time: 14 अक्टूबर को सर्व पितृ अमावस्या के दिन साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण लग रहा है. सूर्य ग्रहण का समय क्‍या है और कब पितृ अमावस्‍या के अनुष्‍ठान किए जाएं? 

भारत के अनुसार कल कब शुरू होगा सूर्य ग्रहण? जानें सूतक काल समेत सारी डिटेल्‍स

Sarva Pitru Amavasya 2023 Shardh Vidhi and Time: कल 14 अक्‍टूबर 2023, शनिवार को साल 2023 का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. साथ ही कल सर्व पितृ अमावस्या भी है. ऐसे में सूर्य ग्रहण का सूतक काल कब शुरू होगा और ऐसी स्थिति में पितरों के निमित्‍त श्राद्ध, तर्पण आदि कब और कैसे किए जाएं, ये जानने की जिज्ञासा सभी के मन में है. आइए जानते हैं कि भारतीय समयानुसार कल 14 अक्‍टूबर का सूर्य ग्रहण किस समय लगेगा, इसका सूतक काल कब होगा और कब पितरों के निमित्‍त अनुष्‍ठान किए जा सकेंगे. 

सूर्य ग्रहण का भारत में समय 

कल 14 अक्तूबर को सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार रात 08 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा, जो मध्‍यरात्रि 02 बजकर 25 मिनट तक रहेगा. चूंकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लिहाजा साल के आखिरी सूर्य ग्रहण का सूतक भी मान्‍य नहीं होगा. यह सूर्य ग्रहण पश्चिमी अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अटलांटिका, अंटार्कटिका में दिखाई देगा.

कैसे करें सर्व पितृ अमावस्‍या पर अनुष्‍ठान 

यह सूर्य ग्रहण कन्‍या राशि और चित्रा नक्षत्र में लगेगा. चूंकि यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा और ना ही इसका सूतक लगेगा. इसके चलते सर्व पितृ अमावस्‍या पर पितरों के निमित्‍त किए जाने वाले श्राद्ध, तर्पण आदि अनुष्‍ठानों में कोई रुकावट नहीं आएगी. साथ ही अमावस्‍या की रात में किए जाने वाले दीपदान पर भी कोई असर नहीं होगा. लोग बिना भ्रमित हुए आराम से कल पितृ अमावस्‍या पर पितरों के निमित्त दीपदान और तर्पण करें.

ये काम भी जरूर करें

कल सर्व पितृ अमावस्‍या की सुबह जल्‍दी स्नान करें और इसके बाद गायत्री मंत्र का जाप करते हुए सूर्यदेव को जल अर्पित करें. ऐसा करने से पितर तृप्त होते हैं. इसके बाद अपने सभी पूर्वजों का स्‍मरण करते हुए उनके निमित तर्पण, दान और दीपदान करें. यदि 16 दिन में किसी कारणवश श्राद्ध नहीं कर पाएं हों तो अमावस्या के दिन अवश्य करें क्‍योंकि इस दिन पितृ विदा होते हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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