शनि देव के उपाय: इन उपायों से शनि देव होते हैं प्रसन्न, साढ़ेसाती व ढैय्या के कहर से मिलती है मुक्ति
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शनि देव के उपाय: इन उपायों से शनि देव होते हैं प्रसन्न, साढ़ेसाती व ढैय्या के कहर से मिलती है मुक्ति

Shani Dev Ke Upay: शनि देव को न्याय का देवता और कर्मफल दाता कहा जाता है. वह इंसान को कर्मों के हिसाब से फल प्रदान करते हैं. हालांकि, शनि देव के प्रकोप से बचने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई उपाय बताए गए हैं.

शनि देव उपाय

Shani Sade Sati and Dhaiya: शनि की साढ़ेसाती हो या फिर शनि की ढ़ैय्या, कभी न कभी सभी को इस दौर से गुजरना ही पड़ता है. साढ़ेसाती का जीवन में गहरा असर पड़ता है. शनिदेव न्याय के देवता माने जाते हैं. उनके निर्णय को कोई नहीं टाल सकता है, लेकिन हनुमान जी के भक्तों से शनि देव विशेष अनुराग रखते हैं. जो भक्त हनुमान जी का पूजन कर शनि देव से अपना प्रकोप कम करने की प्रार्थना करते हैं, शनिदेव उनकी अवश्य ही सुनते हैं.

उपाय 

- प्रत्येक मंगलवार को सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करके हनुमान जी की मूर्ति के सामने 'श्री हनुमते नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए. 

- प्रत्येक मंगलवार को प्रातः तांबे के लोटे में जल में सिंदूर अर्पित कर श्री हनुमान जी को अर्पित करें. 

- हर शनिवार को चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर बजरंग बली को चोला चढ़ाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं. 

- शनिवार और मंगलवार के दिन बंदरों को गुड़ और चना खिलाने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है.

- जब शनि के कारण आपके सामने बहुत अधिक परेशानी खड़ी हो रही हो तो शनिवार के दिन 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. 

- शनिवार के दिन हनुमान मंदिर में बजरंग बली का दर्शन करने के बाद पीपल के पेड़ की परिक्रमा कर सरसों के तेल का दीपक जलाने से भी शनि देव का प्रकोप कम होता है.

- दीपक जलाने के लिए तेल घर से ही लेकर जाना चाहिए, क्योंकि शनिवार को तेल खरीदना वर्जित है.

- दीपक सूर्यास्त के बाद ही जलाना लाभदायक होता है. इसका एक समय निश्चित कर लें और फिर प्रत्येक शनिवार को उसी निर्धारित समय पर पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं.

- प्रयास करें कि पीपल का पेड़ आपके घर से पश्चिम की दिशा में हो तो अच्छा है, यदि ऐसा संभव न हो तो किसी भी स्थान में जाकर दीपक जला सकते हैं.

- घर से दीपक जलाने के लिए निकलें तो जाते और वापसी में घर आते समय किसी से बात करना ठीक नहीं रहता है. कोशिश करें कि जब तक बहुत जरूरी न हो तब तक मोबाइल भी अटेंड न करें. 

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