Tilak Lagane Ke Fayde: भारतीय संस्कृति में तिलक एक महत्वपूर्ण प्रतीक है, जो धार्मिक और मनोवैज्ञानिक उद्देश्यों से जुड़ा हुआ है. यह हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है. तिलक लगाते समय कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए.
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Tilak Lagane Ke Fayde: भारतीय संस्कृति में तिलक का विशेष महत्व है. तिलक न केवल हमारे धार्मिक अनुष्ठानों में ही बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी दैनिक जीवन में भी अभिन्न अंग के रूप में स्वीकार किया जाता है. यह शरीर के चक्रों को सक्रिय करने में सहायक है. तिलक लगाने वाले लोगों का व्यक्तित्व प्रभावशाली होता है, आत्मविश्वास बढ़ता है और मानसिक तनाव भी दूर होता है. विभिन्न ग्रहों की स्थितियों के अनुसार विशेष तिलक का चयन भी होता है.
ग्रहों की स्थितियों के आधार पर तिलक का चयन
तिलक लगाने के धार्मिक और मनोवैज्ञानिक महत्व है. इससे शरीर के सात चक्र सक्रिय होते हैं, जिससे व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है. ग्रहों को मजबूत करने के लिए तिलक लगाने की कुछ विशेष तरीके होते हैं, जो ग्रहों की स्थिति के अनुसार भी तय होती हैं. जैसे- सूर्य को मजबूत करने के लिए लाल तिलक लगाना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्रमा को मजबूत करने के लिए सफेद चंदन का तिलक लगाना चाहिए. मंगल को मजबूत करने के लिए कुमकुम का तिलक लगाना शुभ होता है.
बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए अष्टगंध का तिलक लगाए. गुरु ग्रह को मजबूत करने के लिए केसर का तिलक लगाना चाहिए. शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए अक्षत और कुमकुम का तिलक लगाना चाहिए. शनि, राहु, और केतु को मजबूत करने के लिए भस्म का उपयोग होता है.
तिलक लगाने की विधि
- तिलक सबसे पहले ईष्टदेव को लगाना चाहिए, फिर गुरु, पिता और अंत में अपने माथे पर लगाएं.
- स्नान के बिना तिलक नहीं लगाना चाहिए, उससे पहले तिलक लगाना शुभ नहीं माना जाता है.
- देवी-देवताओं को अनामिका उंगली से तिलक लगाना चाहिए, जबकि बाकी लोगों को अनामिका उंगली और अंगूठा का इस्तेमाल कर तिलक लगाना चाहिए.
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तिलक लगाने के बाद 3 घंटे तक सोना नहीं चाहिए.
- पुरुषों को लंबा तिलक और महिलाओं को गोलाकार तिलक लगाना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)