भैंस-गाय से टक्कर के बाद 'वंदे भारत' में आई ये बड़ी खराबी; गेट मैन शाज़ेब की सूझबूझ से टला हादसा
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भैंस-गाय से टक्कर के बाद 'वंदे भारत' में आई ये बड़ी खराबी; गेट मैन शाज़ेब की सूझबूझ से टला हादसा

Varanasi bound Vande Bharat suffers jammed wheels: रेल कर्मियों की सतर्कता की वजह से शनिवार को दिल्ली-वाराणसी रूट (Delhi-Varanasi Vande Bharat) पर चलने वाली वंदे भारत ट्रेन में होने वाली एक बड़ी दुर्घटना टल गई. बाद में ट्रेन में एक और खराबी सामने आने के बाद यात्रियों को शताब्दी ट्रेन से मंजिल की ओर रवाना किया गया.  

वंदे भारत ट्रेन

प्रयागराजः गुजरात और महाराष्ट्र मार्ग में पिछले 3 दिनों में भैंस और गाय से वंदे भारत ट्रेन (Vande Bharat) की टक्कर होने के बाद शनिवार को वंदे भारत ट्रेन ( Vande Bharat) उत्तर प्रदेश में दुर्घटनाग्रस्त होते-होते बाल-बाल बच गई. रेल कर्मियों की सतर्कता की वजह से शनिवार को नई दिल्ली से वाराणसी रूट की वंदे भारत ट्रेन (Delhi- Varanasi Vande Bharat) में बड़ी दुर्घटना टल गई. उत्तर मध्य रेलवे के मुताबिक, शनिवार को गाड़ी संख्या 22436- वंदे भारत एक्सप्रेस सुबह अपने तयशुदा वक्त छह बजे नई दिल्ली स्टेशन से रवाना हुई थी, और 06.38 बजे दादरी स्टेशन से पार हुई थी. जब यह गाड़ी लेवल क्रॉसिंग गेट नंबर 146 को पार कर रही थी तभी वहां कार्यरत गेट मैन शाज़ेब की नजर ट्रेन के डिब्बों के ‘अंडर गियर’ पर पड़ी. यह लगातार तीसरा दिन है जब वंदे भारत ट्रेन चर्चा में है. इससे पहले  गांधीनगर-मुंबई वंदे भारत एक्सप्रेस गुरुवार और शुक्रवार को मवेशियों के झुंड से टकरा गई, जिससे दोनों दिन ट्रेन क्षतिग्रस्त हो गई.

कोच संख्या सी-8 में आई थी खराबी 
शाजेब ने ट्रेन के पिछले एसएलआर से सातवें डिब्बे में कुछ घर्षण और आवज महसूस की और इसकी जानकारी तुंरत आला अफसरों को दी, जिसके बाद ट्रेन को 06.46 बजे अजायबपुर में टीएक्सआर कर्मचारियों द्वारा जांचा गया और कोच संख्या सी-8 में ‘ब्रेक बाइंडिंग’ की खराबी पाई गई, जिसे ठीक किया गया और ट्रेन को 07.03 बजे फिर से रवाना कर दिया गया. 

कुछ दूर चलने पर फिर नजर आई एक खराबी 
रेलवे सूत्रों के मुताबिक, ट्रेन जैसे ही वहां से रवाना हुई, दनकौर स्टेशन के पास स्टेशन मास्टर बृजेश कुमार और प्वाइंटमैन बृजेश कुमार ने उसी कोच में फिर कुछ गड़बड़ी की आशंका होने पर  ओएचई को बंद कर ट्रेन रोकवा दी. जांच करने पर पाया गया कि  ट्रेन की ‘ट्रैक्शन मोटर में बियरिंग’ गड़बड़ है, जिसे तुरंत खुर्जा से गैस कटर मंगवा कर काटकर ठीक किया गया. 

शताब्दी एक्सप्रेस से भेजे गए यात्री 
इस बीच सुरक्षा की दृष्टिकोण से और मुसफिरों की सहुलत को ध्यान में रखकर दिल्ली से शताब्दी एक्सप्रेस की रैक मंगा कर 12.57 बजे सभी 1068 यात्रियों को इसमें ट्रांसफर कर ट्रेन को मंजिल की जानिब रवाना किया गया. उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक ने इन सतर्क रेल कर्मियों की तारीफ करते हुए कहा कि इन रेल कर्मियों की सतर्कता ही रेल संरक्षा का आधार है.

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