Rajasthan Government: राजस्थान की गहलोत सरकार जिस पर हिंदू विरोधी होने के आरोप लगते रहे हैं, अब भाजपा की तरह हिंदुत्व की रास्ते पर चलने लगी है. इसी साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए गहलोत सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं.
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Rajasthan News: राजस्थान में इसी साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं और पार्टियां चुनावी तैयारियों में जुट गई हैं. इस बीच कांग्रेस भी भाजपा के हिंदुत्व के रास्ते पर अमल करने लगी है. ऐसा लग रहा है कि गहलोत सरकार राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में हिंदुत्व कार्ड को भुनाने की पूरी कोशिश कर रही है. क्योंकि सरकार ने पुष्य नक्षत्र 25 मई को मंदिर गलियारा बनाने और सभी मंदिरों पर भगवा झंडा फहराने की योजना है.
राज्य सरकार की योजना सभी देवस्थान मंदिरों पर भगवा ध्वज (झंडे) फहराने की है. इस संबंध मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि राज्य सरकार 'तीर्थ यात्रा' के लिए लगभग 40,000 सीनियर सिटीजंस को ले जाएगी, जो पहले की तुलना में दोगुनी है. जिन जगहों पर उन्हें ले जाया जाएगा, उनमें नेपाल में रामेश्वरम, पशुपति नाथ शामिल हैं. राज्य में खाटूश्यामजी और कैला देवी मंदिर की तरह भव्य मंदिर गलियारे बनाए जाएंगे, ताकि यह यकीनी किया जा सके कि पूजा करते वक्त भक्तों को परेशानी का सामना न करना पड़े.
एक सवाल के जवाब में मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि राज्य सरकार आगामी चुनावों के मद्देनजर हिंदुत्व कार्ड ले रही है, उन्होंने कहा, हमारी सरकार अपनी सरकार के गठन के बाद से धार्मिक रूप से इस तरह के आयोजन कर रही है. हमने अलग-अलग मंदिरों में हनुमान चालीसा के पाठ का आयोजन किया है. हमने रामनवमी पर अलग-अलग मंदिरों में अखंड रामायण का आयोजन, श्रावण मास में सहस्त्रधारा प्रोग्राम का आयोजन किया है.
उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार देवदर्शन यात्राओं का भी आयोजन कर रही है जो 28 जनवरी से जयपुर में शुरू हुई थी, अप्रैल में हम उदयपुर गए थे. इसका मकसद भक्तों को ऐसे से जोड़ना है जो नामालूम हैं. भक्त मशहूर मंदिरों के दर्शन करते रहे हैं, लेकिन हम भी चाहेंगे राज्य के अन्य मंदिरों को बढ़ावा दें. उन्होंने कहा कि हमने नेपाल में पशुपति मंदिर को वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा के लिए मंदिरों की लिस्ट में शामिल किया, देवस्थान विभाग के ज़रिए चलाए जा रहे धर्मशालाओं में भक्तों के मुफ्त ठहरने की व्यवस्था की और इसके मंदिर के रिकॉर्ड को डिजिटल कर दिया गया.
मंत्री रावत ने कहा कि देवस्थान विभाग के तहत आने वाले 593 मंदिरों का भी जीर्णोद्धार किया जाएगा और इन मंदिरों में पुजारियों का पारिश्रमिक तीन से बढ़ाकर 5 हजार रुपये प्रति माह कर दिया गया है. यहां यह बताना जरूरी है कि विपक्ष गहलोत सरकार पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगता रहा है.
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