Foreign Minister S Jaishankar on Bangladesh Violence: बांग्लादेश में रिजर्वेशन को लेकर जगह-जगह स्टूडेंट्स प्रदर्शन कर रहे हैं. शेख हसीना देश छोड़ने के बाद ढाका समेत पूरे मुल्क में सेना तैनात कर दिए गए हैं. इस बीच भारत के विदेश मंत्री ने शेख हसीना को लेकर चौंकाने वाला दावा किया है.
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Foreign Minister S Jaishankar on Bangladesh Violence: बांग्लादेश में भीषण हिंसा जारी है. इस दौरान भारत वहां के हालात पर नजर बनाए हुए है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज यानी 6 अगस्त को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भारत बांग्लादेश के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है.
एस जयशंकर ने राज्यसभा को संबोधित करते हुए कहा, "पिछले 24 घंटों में, हम ढाका में अधिकारियों के साथ भी लगातार संपर्क में हैं. अभी यही हालात है. मैं एक महत्वपूर्ण पड़ोसी के बारे में संवेदनशील मुद्दों के संबंध में सदन की समझ और समर्थन की अपेक्षा करता हूं, जिस पर हमेशा एक मजबूत राष्ट्रीय सहमति रही है."
विदेश मंत्री ने क्या कहा?
जयशंकर ने यह भी कहा कि सरकार पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों की निगरानी कर रही है. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, हसीना के बाहर निकलने के बाद हुई हिंसा में हिंदू मंदिरों पर हमला किया गया और तोड़फोड़ की गई है. उन्होंने अपने बयान में कहा, "उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मुख्तलिफ समूहों और संगठनों के जरिए पहल की खबरें हैं. हम इसका स्वागत करते हैं, लेकिन स्वाभाविक रूप से कानून और व्यवस्था बहाल होने तक हम गहराई से चिंतित रहेंगे. हमारे सीमा सुरक्षा बलों को भी इस जटिल स्थिति को देखते हुए असाधारण रूप से सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है."
बहुत कम वक्त में हसीना ने मांगी मदद
इसके बाद उन्होंने शेख हसीना को लेकर कहा, "5 अगस्त को कर्फ्यू के बावजूद प्रदर्शनकारी ढाका में इकट्ठा हुए. हमारी समझ यह है कि सुरक्षा प्रतिष्ठान के नेताओं के साथ बैठक के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा देने का फैसला किया." जयशंकर ने कहा, "बहुत कम समय में उन्होंने भारत आने के लिए मंजूरी मांगी. हमें बांग्लादेश के अधिकारियों से उड़ान की मंजूरी के लिए एक गुजारिश भी मिला था. वह कल शाम दिल्ली पहुंचीं."
ज्यादातर छात्र लौट चुके हैं भारत
सदन को दिए अपने बयान में, जयशंकर ने जोर देकर कहा कि सरकार राजनयिक मिशनों के माध्यम से बांग्लादेश में भारतीय समुदाय के संपर्क में है. वहां करीब 19 हजार भारतीय नागिरक हैं, जिनमें से 9 हजार के करीब स्टूडेंट हैं. हिंसा शुरू होने के बाद दूतावास की चेतावनी के बाद ज्यादातर स्टूडेंट भारत लौट चुके हैं.