आतंकी निज्जर के लिए रखा गया कनाडाई संसद में मौन, जस्टिन ट्रूडो कैसे हो पाएंगे भारत और कनाडा के रिश्ते मजबूत?

Khalistani terrorist Hardeep Singh Nijjar: निज्जर की कनाडा के सरे में ब्रिटिश कोलंबिया के गुरुद्वारा के बाहर गोलीबारी में हत्या कर दी गई थी. वह एक खालिस्तानी आतंकी था.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Jun 19, 2024, 09:18 AM IST
  • निज्जर की पिछले साल 18 जून को हत्या कर दी गई थी
  • चार भारतीय नागरिकों पर निज्जर की हत्या का आरोप
आतंकी निज्जर के लिए रखा गया कनाडाई संसद में मौन, जस्टिन ट्रूडो कैसे हो पाएंगे भारत और कनाडा के रिश्ते मजबूत?

Khalistani terrorist Hardeep Singh Nijjar: कनाडा की संसद ने मंगलवार को हाउस ऑफ कॉमन्स में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर के लिए एक मिनट का मौन रखा. दरअसल, ये मौका खालिस्तानी आतंकी की पुण्यतिथि का था. खालिस्तान टाइगर फोर्स (ktf) के प्रमुख निज्जर को पिछले साल 18 जून को कनाडा के सरे में ब्रिटिश कोलंबिया के गुरुद्वारे के बाहर गोलीबारी में मार दिया गया था.

निज्जर का नाम भारत सरकार द्वारा जारी की गई सूची में 40 अन्य नामित आतंकवादियों के साथ था. वहीं, करण बराड़, अमनदीप सिंह, कमलप्रीत सिंह और करणप्रीत सिंह सहित चार भारतीय नागरिकों पर निज्जर की हत्या का आरोप है.

खराब हुए रिश्ते
हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में कनाडा ने भारत सरकार की भूमिका होने का दावा किया था, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में खटास पैदा हो गई. हालांकि, इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटली में G7 शिखर सम्मेलन के दौरान अपने कनाडाई समकक्ष जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बारे में बात करते हुए ट्रूडो ने कहा कि उन्हें नई सरकार के साथ आर्थिक संबंधों और राष्ट्रीय सुरक्षा सहित बातचीत करने का अवसर दिख रहा है. तो अब ऐसे में ये सवाल उठता है कि एक तरफ भारत के साथ अवसर तलाश रहे ट्रूडो कनाडाई संसद में निज्जर के लिए रखे गए मौन को कैसे जस्टिफाई करेंगे.

हरदीप सिंह निज्जर कौन था?
1997 में फर्जी पासपोर्ट के तहत कनाडा जाने के बाद निज्जर का शरणार्थी दावा भी खारिज कर दिया गया, जिसके बाद उसने एक महिला से शादी की, लेकिन तब भी पूर्ण रूप से उन्हें वहां का इमिग्रेशन नहीं मिला. हालांकि, मृत्यु के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद में निज्जर कनाडाई नागरिक कहा.

सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार निज्जर प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन केटीएफ के लिए लोगों की भर्ती और प्रशिक्षण कर रहा था. वह अलगाववादी संगठन सिख ऑफ जस्टिस का भी हिस्सा था, जिसने 10 सितंबर को खालिस्तान जनमत संग्रह कराया था.

वांछित था निज्जर
पिछले कुछ सालों में भारत ने कई बार निज्जर की गतिविधियों के बारे में अपनी चिंता जाहिर की है. 2018 में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को वांछित व्यक्तियों की एक सूची सौंपी थी, जिसमें निज्जर का नाम भी था.

2022 में पंजाब पुलिस ने निज्जर के प्रत्यर्पण की मांग की थी, क्योंकि वह राज्य में आतंकवाद फैलाने के मामलों में वांछित था.

वह 2017 के लुधियाना विस्फोट सहित कई मामलों में वांछित था, जिसमें छह लोगों की जान चली गई थी और 42 लोग घायल हो गए थे.

इससे पहले पंजाब पुलिस ने पटियाला में एक मंदिर के पास हुए बम विस्फोट में भूमिका के लिए निज्जर के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

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