सैनिक जो सिर के पिछले हिस्से से देख सकता था, गोली लगने के बाद दुनिया दिखने लगी उल्टी

रोगी एम को स्पेनिश गृहयुद्ध के दौरान 1938 में सिर के पिछले हिस्से में गोली मारी गई थी. दो सप्ताह बाद होश आया और पता चला कि उसकी दृष्टि बदल गई थी. वह सिर के आगे-पीछे दोनों ओर से पढ़ सकता था. वस्तुएं तीन प्रतियों में और हरे रंग में दिखाई दीं.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 16, 2023, 05:04 PM IST
  • मामले का विवरण जर्नल न्यूरोलॉजी में प्रकाशित किया गया है
  • सैनिक का उस समय डॉक्टर जस्टो गोंजालो ने इलाज किया था
सैनिक जो सिर के पिछले हिस्से से देख सकता था, गोली लगने के बाद दुनिया दिखने लगी उल्टी

लंदन: एक सिपाही को युद्ध के दौरान सिर के पिछले हिस्से में गोली लगी और उसे दुनिया उल्टी नजर आने लगी. आज हम आपको रोगी एम (Patient M) के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसकी कहानी लंबे समय तक गुप्त रही. इस अनोखे मामले का विवरण जर्नल न्यूरोलॉजी में प्रकाशित किया गया है.

स्पेनिश गृहयुद्ध 
रोगी एम को स्पेनिश गृहयुद्ध के दौरान 1938 में सिर के पिछले हिस्से में गोली मारी गई थी. वह किसी तरह बिना ऑपरेशन के ठीक हो गया. 

सिर के पीछे से पढ़ना 
दो सप्ताह बाद होश आया और पता चला कि उसकी दृष्टि नाटकीय रूप से बदल गई थी.वह सामान्य रूप से छपी संख्याओं और अक्षरों को पढ़ सकता था और सिर के आगे-पीछे दोनों ओर से पढ़ सकता था.उसका मस्तिष्क दोनों के बीच कोई अंतर नहीं देख रहा था. 

सिपाही को लगा कि दुनिया भयानक दिख रही है. वस्तुएं तीन प्रतियों में और हरे रंग में दिखाई दीं, जबकि उनकी सुनवाई और स्पर्श भी उल्टा महसूस हो रहा था. शरीर एक विपरीत वास्तविकता के साथ भ्रमित हो रहा था.

क्यों हुआ ऐसा
सैनिक का उस समय डॉक्टर जस्टो गोंजालो ने इलाज किया था. यह पता चला कि गोली के शॉट ने मस्तिष्क के बाएं पार्श्विका-पश्चकपाल क्षेत्र में उसके सेरेब्रल कॉर्टेक्स पर लकीरें आंशिक रूप से नष्ट कर दीं. 

1986 में डॉ गोंजालो की मृत्यु हो गई.उनकी बेटी इसाबेल गोंजालो, जो एक भौतिक विज्ञानी और मैड्रिड के कॉम्प्लूटेंस विश्वविद्यालय में प्रोफेसर एमेरिटस थीं भी उस सैनिक से मिलीं.  और उन पर शोध किया. न्यूरोलॉजी में लिखते हुए, न्यूरोसाइकोलॉजिस्ट अल्बर्टो गार्सिया मोलिना और इसाबेल ने कहा: "आश्चर्यजनक रूप से, रोगी बिना किसी कठिनाई के अपने दैनिक जीवन व्यतीत करता था.  इसाबेल ने यह भी बताया कि कैसे उन्होंने "समय देखने के लिए अपनी कलाई घड़ी को किसी भी दिशा से देखा". 1990 के दशक के अंत में सैनिक, जिसकी पहचान कभी ज्ञात नहीं हुई, की मृत्यु हो गई.

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