भारत को वैश्विक मंच पर बड़ी कूटनीतिक जीत मिली है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की प्रतिबंध समिति ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के उप प्रमुख अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया है. यूएनएससी ने कहा है कि मक्की भारत में आतंकवादी हमलों की साजिश रचने, उनके लिए धन जुटाने, भर्ती अभियान और हिंसा के लिए युवाओं को भड़काने में शामिल रहा है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति ने सोमवार को 68 वर्षीय मक्की को नामित आतंकवादियों की सूची में शामिल किया. इस सूची में शामिल लोगों की संपत्ति जब्त करने, उन पर यात्रा और हथियार संबंधी प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है. प्रतिबंध समिति ने मक्की का नाम इस सूची में शामिल करने का कारण बताते हुए कहा कि मक्की और अन्य लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी धन जुटाने, भर्ती करने, युवाओं को हिंसा के लिए कट्टरपंथी बनाने और भारत में विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर में हमलों की साजिश रचने में शामिल रहे हैं.
पिछले साल जून में चीन ने मक्की को एक वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव को अंतिम क्षणों में बाधित कर दिया था. इस्लामाबाद का सदाबहार दोस्त चीन बार-बार भारत और उसके सहयोगियों द्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को वैश्विक आतंकवादी सूची में डालने के प्रयासों पर रोक लगाता रहा है. लेकिन अब चीन द्वारा रोक हटाए जाने के बाद मक्की को अंतत: यूएनएससी प्रतिबंध समिति ने एक वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया है.
पूर्व भारतीय राजनयिकों ने इस सूची में मक्की को शामिल किए जाने को देश की कूटनीति के लिए बड़ी सफलता बताया है. इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने पीटीआई से कहा कि मक्की का नाम सूची में शामिल किया जाना भारतीय कूटनीति के लिए एक बड़ी सफलता है.
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