शोध: ज्यादा मोबाइल देखने से सिर्फ आंख नहीं, शरीर के अंदरूनी अंग भी होते हैं डैमेज, घट जाती है उम्र

नए शोध में दावा किया गया है कि अपने फोन को ज्यादा देर तक घूरने से आपकी जान जा सकती है. शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि स्क्रीन टाइम के कारण आंख ही नहीं खराब होती है बल्कि यह शरीर के बाकी अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकता है. यहां तक कि इससे आपकी जिंदगी भी छोटी हो सकती है.

Written by - Jyoti Thakur | Last Updated : Jun 9, 2022, 01:52 PM IST
  • बक इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने यह शोध किया है
  • एक्सपोजर से आंतरिक प्रक्रियाओं की घड़ी बाधित
शोध: ज्यादा मोबाइल देखने से सिर्फ आंख नहीं, शरीर के अंदरूनी अंग भी होते हैं डैमेज, घट जाती है उम्र

लंदन: नए शोध में दावा किया गया है कि अपने फोन को ज्यादा देर तक घूरने से आपकी जान जा सकती है. शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि स्क्रीन टाइम के कारण आंख ही नहीं खराब होती है बल्कि यह शरीर के बाकी अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकता है. यहां तक कि इससे आपकी जिंदगी भी छोटी हो सकती है. बक इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने यह शोध किया है. 

क्या है इसका कारण
विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि बहुत अधिक प्रकाश एक्सपोजर शरीर की कई आंतरिक प्रक्रियाओं की घड़ी को बाधित कर सकता है, और दीर्घकालिक नुकसान का कारण बन सकता है. 

शोधकर्ताओं के मुताबिक आंखें लगातार बाहरी दुनिया के संपर्क में रहती हैं - कई अन्य अंगों के विपरीत - उनकी प्रतिरक्षा सुरक्षा अधिक सक्रिय होती है. अति सक्रिय सुरक्षा शरीर की आंतरिक प्रक्रियाओं को बाधित कर सकती है, और परिणामस्वरूप अन्य अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है.

संस्थान के प्रोफेसर और पोषण विशेषज्ञ डॉ पंकज कपही ने एक विज्ञप्ति में कहा, कंप्यूटर और फोन स्क्रीन को घूरना और रात में प्रकाश प्रदूषण के संपर्क में रहना सर्कैडियन घड़ियों के लिए बहुत परेशान करने वाली स्थिति है. 'यह आंख की सुरक्षा को खराब करता है और इसके परिणाम केवल दृष्टि से परे हो सकते हैं, शरीर और मस्तिष्क के बाकी हिस्सों को नुकसान पहुंचा सकते हैं.'

कम सोने का असर
संस्थान के एक शोधकर्ता डॉ ब्रायन हॉज बताते हैं कि शरीर की हर कोशिका एक सर्कैडियन घड़ी पर काम करती है. ये घड़ियाँ 24 घंटे के चक्रों पर काम करती हैं, जो दैनिक दिन-रात के चक्र से निपटने के लिए क्रमिक रूप से समायोजित होती हैं. शरीर की लगभग हर कोशिका किसी न किसी तरह से इस चक्र पर काम करती है, जिससे यह हर एक शारीरिक क्रिया को प्रभावित करती है.

कई लोगों की सर्कैडियन लय बाधित हो रही है. जीवन के तनाव, उपकरण के उपयोग और अन्य कारकों के कारण लोग पहले की तुलना में अब कम सो रहे हैं.

आंखें सूज जाती हैं
शोधकर्ता बताते हैं कि प्रकाश के संपर्क में आने पर आंखें सूज जाती हैं, बाहरी दुनिया का सामना करने वाले अंगों के लिए शरीर की एक सामान्य प्रक्रिया. जहाँ समस्याएँ तब उत्पन्न होती हैं जब आँखों में बहुत अधिक समय तक सूजन रहती है, जो कुछ पुरानी बीमारियों का कारण बनती है.

कैसे हुआ शोध
फल मक्खियों (fruit flies) के एक अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों को सीमित प्रकाश एक्सपोजर मिला, वे दूसरों की तुलना में अधिक समय तक जीवित रहे. एक विशेषज्ञ ने चेतावनी दी है कि सेल फोन और अन्य उपकरणों के अति प्रयोग से अत्यधिक प्रकाश एक्सपोजर हो सकता है जो सूजन का कारण बनता है.

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