जानिए नोबेल पुरस्कार से जुड़ी पांच बड़ी बातें, कब हुआ शुरू, किसे मिलता है?

इस हफ्ते सोमवार को चिकित्सा के नोबल के ऐलान के साथ ही नोबल पुरस्कार के ऐलान की सिलसिला शुरू हो जाएगा. आइये जानते हैं इस दुनिया के इस सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार से जुड़ी पांच अहम बातें

Written by - Harsh Verdhan Singh | Last Updated : Oct 3, 2022, 09:07 PM IST
  • जानिए नोबेल पुरस्कार से जुड़ी पांच बड़ी और अहम बातें
  • कब हुई थी दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित अवार्ड की शुरुआत
जानिए नोबेल पुरस्कार से जुड़ी पांच बड़ी बातें, कब हुआ शुरू, किसे मिलता है?

नई दिल्ली:  इस हफ्ते दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार नोबल पुरस्कार जीतने वालों का ऐलान किया जाएगा. बता दें कि नोबल पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने विज्ञान, साहित्य, चिकित्सा, अर्थशास्त्र, और मानवाधिकार और शांति के क्षेत्र में दुनिया भर के अंदर उत्कृष्ट कार्य किया हो. इस हफ्ते सोमवार को चिकित्सा के नोबल के ऐलान के साथ ही नोबल पुरस्कार के ऐलान की सिलसिला शुरू हो जाएगा. आइये जानते हैं इस दुनिया के इस सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार से जुड़ी पांच अहम बातें. 

किसने रखी थी इस पुरस्कार की नींव

स्वीडिश उद्योगपति और डाइनामाइट के आविष्कारक सर एल्फ्रेड नोबेल की वसीहत के आधार पर चिकित्सा, भौतिकी, रसायन शास्त्र, साहित्य और शांति क्षेत्र के नोबेल पुरस्कारों की स्थापना की गई थी. पहला नोबेल पुरस्कार साल 1901 में सर एल्फ्रेड नोबेल के निधन के पांच साल बाद दिया गया था. अर्थशास्त्र का नोबेल, जिसे आधारिक तौर पर ‘बैंक ऑफ स्वीडन प्राइज इन इकोनॉमिक साइंसेज इन मेमोरी ऑफ एल्फ्रेड नोबेल (एल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में अर्थशास्त्र में बैंक ऑफ स्वीडन पुरस्कार)’, उसकी स्थापना एल्फ्रेड नोबेल की वसीहत के आधार पर नहीं हुई थी, बल्कि स्वीडन के केंद्रीय बैंक ने 1968 में इसकी शुरुआत की थी. 

नोबल पुरस्कार जीतने वालों को क्या मिलता है

प्रत्येक क्षेत्र के नोबेल के तहत विजेताओं को एक गोल्ड मेडल और एक सर्टिफिकेट के साथ एक करोड़ क्रोनोर (लगभग नौ लाख डॉलर) की पुरस्कार राशि दी जाती है. विजेताओं का सम्मान हर साल 10 दिसंबर को किया जाता है. 1896 में 10 दिसंबर की तारीख को ही एल्फ्रेड नोबेल का निधन हुआ था. 1901 से 2021 तक अलग-अलग क्षेत्रों में कुल 609 बार नोबेल पुरस्कार प्रदान किए जा चुके हैं. 

कौन करता है नामित

दुनियाभर में हजारों लोग नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकन जमा करने के पात्र हैं. इनमें विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर, कानूनविद, पूर्व नोबेल पुरस्कार विजेता और खुद नोबेल समिति के सदस्य शामिल हैं. हालांकि, नामांकन को 50 वर्षों तक गुप्त रखा जाता है, लेकिन जो लोग उन्हें जमा करते हैं, वे कभी-कभी सार्वजनिक रूप से अपनी सिफारिशों की घोषणा करते हैं, खासकर नोबेल शांति पुरस्कार के संबंध में. 

नार्वे से है खास संबंध

नोबेल शांति पुरस्कार नॉर्वे में प्रदान किया जाता है, जबकि अन्य क्षेत्रों के पुरस्कार स्वीडन में दिए जाते हैं। ऐसा एल्फ्रेड नोबेल की इच्छा के आधार पर किया जाता है. इस इच्छा के पीछे की असल वजह तो स्पष्ट नहीं है, लेकिन एल्फ्रेड नोबेल के जीवनकाल में स्वीडन और नॉर्वे एक संघ का हिस्सा थे, जो 1905 में भंग हो गया था. स्टॉकहोम स्थित नोबेल फाउंडेशन, जो पुरस्कार राशि का प्रबंधन करता है और ओस्लो स्थित शांति पुरस्कार समिति के बीच संबंध कई मौके पर तनावपूर्ण रहे हैं.

नोबल पुरस्कार जीतने के लिए क्या है जरूरी

नोबेल पुरस्कार जीतने की चाह रखने वालों में धैर्य की सबसे ज्यादा जरूरत होती है. वैज्ञानिकों को अक्सर नोबेल पुरस्कार समिति के सदस्यों द्वारा अपने काम को मान्यता देने के लिए दशकों तक इंतजार करना पड़ता है, जो यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कोई भी खोज या सफलता समय की कसौटी पर खरी उतरती हो. हालांकि, यह नोबेल की वसीहत के विपरीत है, जिसमें कहा गया है कि पुरस्कार ‘उन लोगों को प्रदान किए जाने चाहिए, जिन्होंने पिछले वर्ष के दौरान मानव जाति को बड़ा लाभ प्रदान किया हो.’ शांति पुरस्कार समिति एकमात्र ऐसी समिति है, जो नियमित रूप से पिछले वर्ष हासिल की गई उपलब्धियों के आधार पर विजेताओं को पुरस्कृत करती है. 

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