अब हार्ट की तरह दूसरों की बॉडी में फिट हो सकेगा आपका सिर, होश उड़ा देगा हेड ट्रांसप्लांट का यह वीडियो

'ब्रेनब्रिज' की इस डिजिटल तस्वीर में AI मशीन के जरिए इंसानी सिर को ग्राफ्ट करते हुए उसे ब्रेन डेड रोगी की हेल्दी बॉडी में रखते हुए दिखाया गया है. इस ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए AI और मॉलीक्यूलर लेवल की इमेजिंग सर्जरी को गाइड करती रहेगी.

Written by - Shruti Kaul | Last Updated : May 23, 2024, 04:52 PM IST
  • हार्ट की तरह हेड का भी हो सकेगा ट्रांसप्लांट
  • व्यक्ति के शरीर में फिट होगा दूसरे का सिर
अब हार्ट की तरह दूसरों की बॉडी में फिट हो सकेगा आपका सिर, होश उड़ा देगा हेड ट्रांसप्लांट का यह वीडियो

नई दिल्ली: अमेरिका की न्यूरोसाइंस और बायोमेडिकल इंजीनियरिंग स्टार्टअप 'ब्रेनब्रिज' ने एक ऐसा हेड ट्रांसप्लांट सिस्टम तैयार किया है, जो अगले 8 सालों में हेड ट्रांसप्लांट को हकीकत में बदलने वाला है. विज्ञान के क्षेत्र में यह भी किसी चमत्कार से कम नहीं होने वाला है. कंपनी का दावा है कि इस सिस्टम के जरिए किसी व्यक्ति की मौत के बाद उसके दान किए गए शरीर पर दूसरे व्यक्ति का सिर लगाया जा सकता है. इसके लिए मशीन व्यक्ति के शरीर में दूसरे का सिर और रीढ़ की हड्डी को फिट कर देगी.  'ब्रेनब्रिज'  ने इसको लेकर एक वीडियो भी रिलीज किया है. इसमें दिखाया गया है कि पहला हेड ट्रांसप्लांट कैसा दिखेगा. तांसू येगेन नाम के एक यूजर ने 'X' पर इसका एक वीडियो भी शेयर किया है. 

ट्रीटमेंट्स के लिए आएगी काम 
हेड ट्रांसप्लांट को लेकर हशम अल-गैली ने कहा,' इस टेक्नोलॉजी के जरिए हमारा उद्देशय है कि हम मेडिकल साइंस में जो चीजें संभव है उसकी सीमाओं से आगे बढ़कर घतक बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए नया समाधान प्रदान कर सकें.' उन्होंने कहा,' हमारी ये टेक्नोलॉजी कुछ साल पहले तक बिल्कुल असंभव दिख रही लाइफ सेविंग ट्रीटमेंट्स के लिए दरवाजा खोलने का वादा रखती है.' 

इन मरीजों को मिलेगा फायदा 
'ब्रेनब्रिज' की इस वीडियो में AI मशीन के जरिए इंसानी सिर को ग्राफ्ट करते हुए उसे ब्रेन डेड रोगी की हेल्दी बॉडी में रखते हुए दिखाया गया है. इस ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए AI और मॉलीक्यूलर लेवल की इमेजिंग सर्जरी को गाइड करती रहेगी. कंपनी का दावा है कि हेड ट्रांसप्लांट से अच्छे परिणाम मिलेंगे और रिकवरी भी तेजी से होगी. कंपनी के मुताबिक इस नई प्रक्रिया से मरीज अपनी यादें, चेतना और संज्ञानात्मक क्षमताओं को बनाए रखने में सक्षम होंगे. रिसर्चर्स का मानना ​​है कि AI मशीन लकवा, अल्जाइमर, पार्किंसंस और अन्य कई बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए एकदम सही होगी. 

अन्य सर्जरी में भी आएगा काम 
कंपनी वर्तमान मे इस प्रोजेक्ट के लिए कई शीर्ष वैज्ञानिकों को आकर्षित करना चाह रही है क्योंकि उन्हें आने वाले 8 सालों के अंदर एक जीवित मरीज पर सर्जरी करने की उम्मीद है. 'द सन' के मुताबिक कंपनी के एक प्रवक्ता का कहना है कि उनका स्टार्टअप अपने सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल अन्य सर्जरी के लिए भी कर सकेगा. उन्होंने कहा,' इतने कम समय में हमें उम्मीद है कि प्रोजेक्ट के परिणाम के तौर पर रीढ़ की हड्डी के पुनर्निर्माण और पूरे शरीर के ट्रांसप्लांट में सफलता मिलेगी, लेकिन लंबे समय के लिए यह प्रोजेक्ट उन क्षेत्रों में विस्तारित होगा, जो स्वास्थ्य देखभाल को बदल देगा जैसा कि हम जानते हैं.'  

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