कौन हैं डी गुकेश, जिन्होंने किया दुनियाभर में भारत का नाम रोशन, सबसे कम उम्र में बने शतरंज के विश्व चैंपियन

 Chess World Champion D Gukesh News: भारत के डी. गुकेश गुरुवार 12 दिसंबर को सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बन गए. 18 वर्षीय खिलाड़ी ने निर्णायक गेम 14 में चीन के डिंग लिरेन को हराकर प्रतिष्ठित खिताब जीता.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Dec 12, 2024, 07:32 PM IST
  • 18 वर्षीय डी गुकेश सबसे कम उम्र के निर्विवाद विश्व चैंपियन बने
  • गुकेश ने मैच 7.5-6.5 से जीत लिया
कौन हैं डी गुकेश, जिन्होंने किया दुनियाभर में भारत का नाम रोशन, सबसे कम उम्र में बने शतरंज के विश्व चैंपियन

Who is D Gukesh: भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश गुरुवार 12 दिसंबर को सिंगापुर में विश्व शतरंज चैंपियनशिप मैच के निर्णायक गेम 14 में डिंग लिरेन को हराकर सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बन गए. 18 साल की उम्र में गुकेश विश्वनाथन आनंद के बाद शास्त्रीय शतरंज में विश्व चैंपियन बनने वाले दूसरे भारतीय बन गए.

गुकेश ने रूस के दिग्गज गैरी कास्परोव का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. 1985 में, कास्परोव 22 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन थे. वह वह और कम उम्र में यह उपाधि पाने वाले शख्स बन गए हैं. ऐसे में उन्होंने दुनियाभर में भारत का नाम ऊंचा किया है.

गुकेश ने चीनी प्लेयर डिंग लिरेन को हराया
गुकेश और डिंग गुरुवार को मैच के खेले जा रहे अंतिम गेम में 6.5 अंकों के साथ एक समय बराबरी पर थे. 14वीं बाजी जो कि ड्रॉ की ओर बढ़ रही थी, इसमें डिंग सफेद मोहरों से खेल रहे थे, लेकिन मैच की 53वीं चाल में डिंग ने गलती कर दी. गुकेश ने डिंग पर दबाव बनाए रखा, जो अद्भुत साबित हुआ. डिंग समय के दबाव में बिखर गए और निर्णायक क्षण में उनका ध्यान भटक गया.

ऐतिहासिक जीत के बाद गुकेश ने कहा, 'यह मेरे जीवन का सबसे अच्छा दिन है.'

गुकेश ने 7.5-6.5 के स्कोरलाइन के साथ खिताब जीता, अंतिम क्लासिकल गेम जीता, जो काफी हद तक ड्रॉ की ओर बढ़ रहा था.

गुकेश 18वें विश्व चैंपियन और सबसे कम उम्र के निर्विवाद विश्व चैंपियन भी बने. डिंग मैच को टाईब्रेकर में ले जाना चाह रहे थे, लेकिन अंत में गुकेश ने जीत की तरकीब निकाल ली.

कौन हैं गुकेश, कहां से आते हैं?
मई 2006 में चेन्नई में एक तेलुगु परिवार में जन्मे गुकेश ने सात साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू कर दिया था. उन्होंने 2015 में आठ साल की उम्र में एशियाई स्कूल शतरंज चैंपियनशिप के अंडर-9 वर्ग और 2018 में अंडर 12 वर्ग में विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप जीती.

2018 में, उन्होंने एशियाई युवा चैम्पियनशिप, अंडर -12 व्यक्तिगत रैपिड और ब्लिट्ज, अंडर -12 टीम रैपिड और ब्लिट्ज और अंडर -12 व्यक्तिगत क्लासिक प्रारूपों में 5 स्वर्ण पदक जीते.

जनवरी 2019 में 12 साल और सात महीने की उम्र में गुकेश इतिहास के दूसरे सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बने. बाद में उनके हमवतन अभिमन्यु मिश्रा ने उनका रिकॉर्ड तोड़ा.

ऐतिहासिक जीत के बाद गुकेश की आंखों में आंसू

गुकेश अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाए. बोर्ड पर वापस लौटने पर गुकेश के चेहरे पर मुस्कान थी, लेकिन जल्द ही उनके गालों पर खुशी के आंसू छलक आए.

 

बता दें कि गुकेश ने अंतिम गेम को आगे बढ़ाने का साहसिक फैसला लिया. विश्वनाथन आनंद सहित अन्य पंडितों ने अंतिम गेम शुरू होने पर ड्रॉ की भविष्यवाणी की थी. हालांकि, गुकेश ने खेलना जारी रखा और डिंग से गलती करवा दी.

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