जब कपिल देव की डांट सुनकर रोने लगा था भारत का सबसे बड़ा मैच विनर, पूर्व लेग स्पिनर ने सुनाया 32 साल पुराना किस्सा

When Kapil dev Scolded Biggest Match winner of Team India: भारत के पूर्व कप्तान और दिग्गज लेग स्पिनर अनिल कुंबले का नाम भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे बड़े मैच विनर्स में लिया जाता है. वह टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दुनिया के तीसरे और भारत के पहले गेंदबाज हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 17, 2022, 10:51 AM IST
  • बिशन सिंह बेदी ने सुनाया 32 साल पुराना किस्सा
  • शुरुआती दौर में किया जाता था काफी खराब बर्ताव
जब कपिल देव की डांट सुनकर रोने लगा था भारत का सबसे बड़ा मैच विनर, पूर्व लेग स्पिनर ने सुनाया 32 साल पुराना किस्सा

When Kapil dev Scolded Biggest Match winner: भारत के पूर्व कप्तान और दिग्गज लेग स्पिनर अनिल कुंबले का नाम भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे बड़े मैच विनर्स में लिया जाता है. वह टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दुनिया के तीसरे और भारत के पहले गेंदबाज हैं. हालांकि आपको यह जानकर हैरानी होगी कि उनके करियर के शुरुआती कुछ साल उतने अच्छे नहीं रहे थे. अनिल कुंबले को 1990 में भारतीय टीम में शामिल किया गया था, जिसे करने पर कई सारे लोगों ने नाराजगी भी जताई थी.

कुंबले के चयन पर भी थे सवालिया निशान

अनिल कुंबले बाकी स्पिनर्स से काफी अलग थे, जिनके पास लंबा कद था तो वो गेंद को ज्यादा घुमाते नहीं थे. उनका सारा ध्यान गेंद को एक जगह डालने और गति में परिवर्तन करने पर होता था. ऐसे में जब उनकी शुरुआत थोड़ी ठंडी हुई तो लोगों ने उनकी काबिलियत पर सवाल खड़ा करना शुरू कर दिया. वह गेंद को ज्यादा घुमा नहीं पाते थे जिसके चलते उन्हें बमुश्किल ही अच्छा गेंदबाज माना जाता था.

इतना ही नहीं अपने करियर की शुरुआत में अनिल कुंबले को पूर्व कप्तान कपिल देव के बुरे बर्ताव का भी सामना करना पड़ा था, जिसके बार में भारतीय स्पिन के जादूगर बिशन सिंह बेटी ने बताया. बिशन सिंह बेदी ने द मिड विकेट टेल्स में बात करते हुए इंग्लैंड के खिलाफ 32 साल पहले खेले गये मैच को याद किया और बताया कि कैसे अनिल कुंबले को कपिल देव से डांट पड़ी.

जब डेब्यू मैच में ही कपिल देव से पड़ी थी डांट

ओल्ड ट्रैफर्ड के मैदान पर भारत बनाम इंग्लैंड के इस मैच में कपिल देव ने अनिल कुंबले को डीप फाइन लेग में खड़ा किया था. जहां पर चायकाल से थोड़ा पहले एलन लैम्ब ने कपिल की बाउंसर पर हुक लगाने की कोशिश की और गेंद को सीधा कुंबले के हाथों में दे बैठे. कपिल देव इस वक्त टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा विकेट हासिल करने का विश्व रिकॉर्ड तोड़ने से महज एक ही विकेट दूर थे, लेकिन कुंबले ने वो कैच छोड़ दिया.

उन्होंने कहा,'वो कुंबले का पहला मैच था. मैं ओल्ड ट्रैफर्ड पर खेले गये इस मैच का क्रिकेट मैनेजर था. अनिल ने कैच छोड़ा और कपिल ने उसे मैदान पर ही डांट दिया. वो कुंबले का पहला ही मैच था और कपिल शायद उस वक्त तक 100 टेस्ट खेल चुका था. जब मैं ड्रेसिंग रूम में गया तो मुझे कुंबले रोता हुआ. उस बात ने शायद कुंबले पर प्रभाव डाला हो, उस वक्त वहां पर रोना जरूरी थी. क्योंकि बाद में वो जिस खिलाड़ी के रूप में उभरा उसके लिये वहां पर उसे चोट का अहसास होना जरूरी था.' 

पहले मैच के अनुभव ने बदल दिया करियर

गौरतलब है कि 1992 तक अनिल कुंबले दो सालों के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का अनुभव ले चुके थे और मैदान पर अपनी पकड़ बना चुके थे. मानसिक रूप से वो पूरी तरह से तैयार थे तो उनकी स्किल्स में भी काफी सुधार आ चुका था. 10 साल बाद 2002 में जब वो टूटे हुए जबड़े के साथ मैदान पर उतरे और ब्रायन लारा का विकेट लिया तो सब खुशी से झूम रहे थे. उस वक्त किसी को ये याद नहीं था कि ये वही खिलाड़ी है जिसकी काबिलियत को लेकर सवाल किये गये थे.

आपको बता दें कि अनिल कुंबले ने साल 2008 में अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर को 965 विकेट के साथ अलविदा कहा था.

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