नई दिल्लीः टीम इंडिया के सीनियर तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने कहा कि टॉस जीतने या हारने से टीम की मानसिकता प्रभावित नहीं होती है. साथ ही कहा कि खिलाड़ी अपनी जिम्मेदारियों को बेहतरीन तरीके से पूरा करने पर ध्यान देते हैं. शुक्रवार को अरुण जेटली स्टेडियम में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दूसरे टेस्ट के पहले दिन, भारत को पहले गेंदबाजी करने के लिए बुलाया गया था. वहीं, भारत ऑस्ट्रेलिया को 263 रनों पर समेटने में कामयाब रहा, जिसमें पहला टेस्ट नागपुर की तुलना में अधिक टर्न और बाउंस था.
जानिए क्या बोले मोहम्मद शमी
उन्होंने कहा, टॉस जीतना या हारना हमारे हाथ में नहीं है. मन में यह मानसिकता रखनी होगी कि पहले जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, हम उसे बहुत अच्छे से निभाएंगे.
शमी ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, हम हमेशा इस तरह की मानसिकता रखते हैं और हर समय सकारात्मक रहते हैं. सभी लड़के अच्छे मूड में हैं और साथ ही एक-दूसरे से बात कर रहे हैं. हमारी मानसिकता यह है कि हम टॉस जीतें या हारें, हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे.
शमी ने 4 विकेट चटकाए
शमी भारत के लिए गेंदबाजों में से एक थे, जिन्होंने बेहतरीन लाइन और लेंथ से 14.4 ओवरों में 60 रन देकर 4 विकेट चटकाए. ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी को पूरी तरह से उखाड़ कर रख दिया. उन्होंने कहा, यदि आप विशेष रूप से देखें, तो भारतीय विकेटों में बहुत अंतर नहीं है. यहां केवल आपको नई गेंद से मदद मिलती है और पुरानी गेंद से अगर आप रिवर्स स्विंग प्राप्त करने में सक्षम होते हैं, तो बेहतर है.
गेंदबाजी को लेकर दिया बड़ा बयान
उन्होंने कहा, "लेकिन भारतीय परिस्थितियों में, एक तेज गेंदबाज के रूप में, आपको क्षेत्रों में अच्छी गेंदबाजी करनी होती है और अपनी गति बनाए रखनी होती है."
यह पूछने पर कि क्या रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा के संयुक्त रूप से छह विकेट लेने के बावजूद पिच स्पिनरों की तुलना में तेज गेंदबाजों की अधिक मदद करती है, शमी ने कहा, मेरे अनुसार, जब हम घरेलू मैच खेलकर आते हैं, तो मुझे लगता है कि सभी तेज गेंदबाज यहां अच्छा प्रदर्शन करके आए हैं और घरेलू परिस्थितियों को अच्छी तरह से जानते हैं. यह कहना गलत होगा कि पिचें तेज गेंदबाजों या स्पिनरों के अनुकूल होती हैं.
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मोहम्मद सिराज के साथ उनकी गेंदबाजी साझेदारी की सफलता के बारे में पूछे जाने पर, शमी ने कहा कि भारत पिछले कुछ वर्षों में जोड़ियों में गेंदबाजी करने में अच्छा रहा है. उन्होंने कहा, तुलना करना अच्छा नहीं होगा क्योंकि गेंदबाज आते हैं और चले जाते हैं. हम यहां हैं और एक दिन चले भी जाएंगे. लेकिन भारतीय टीम में पिछले छह-सात साल में जोड़ी गेंदबाजों बेहतर किया है.
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