नई दिल्लीः पूर्व दिग्गज स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह का मानना है कि रोहित शर्मा को आने वाले समय में भारतीय क्रिकेट प्रणाली से पूरे समर्थन की जरूरत है क्योंकि लोग उनकी कप्तानी की आलोचना जरूरत से ज्यादा कर कर रहे हैं. पिछले कुछ समय से भारतीय कप्तान को प्रशंसकों और पूर्व क्रिकेटरों से काफी आलोचना का सामना करना पड़ा है, जिसमें महान सुनील गावस्कर भी शामिल हैं.
गावस्कर ने उठाए थे सवाल
गावस्कर का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में उनका नेतृत्व अच्छा नहीं था. हरभजन ने रोहित की कप्तानी में मुंबई इंडियन्स के लिए खेला और और उन्होंने भारत के साथ ही मुंबई की टीम के ड्रेसिंग रूम में भी इस खिलाड़ी को करीब से देखा है. उन्होंने कहा कि रोहित को वहां अपने साथी खिलाड़ियों से काफी सम्मान मिलता था.
जानिए क्या बोले हरभजन सिंह
हरभजन ने वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत के अगले टेस्ट मैच से पहले ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि लोग कुछ ज्यादा ही आगे बढ़ (रोहित की आलोचना के मामले में) रहे हैं. क्रिकेट एक टीम खेल है और एक व्यक्ति आपको एक स्थान से दूसरे स्थान तक नहीं ले जा सकता है.’’ भारत के लिए 103 टेस्ट खेलने वाले हरभजन ने कहा, ‘‘ भारतीय टीम ने डब्ल्यूटीसी (विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप) फाइनल में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया. आप उस प्रदर्शन के बारे में बात करते हैं और वहां से आगे बढ़ते हैं. इसके लिए सिर्फ रोहित की आलोचना करना अनुचित है कि वह रन नहीं बना रहे हैं और वह अच्छी कप्तानी नहीं कर रहे हैं. मुझे लगता है कि वह एक शानदार कप्तान है.’’
कहा- और समय की जरूरत
हरभजन के कहा कि रोहित को अपनी नेतृत्व क्षमता साबित करने के लिए समय दिया जाना चाहिये और उन्हें इसमें समर्थन मिलना चाहिये. इस पूर्व ऑफ स्पिनर ने कहा, मैंने उसके (रोहित) साथ खेला है और उसे करीब से देखा है. उसे न केवल मुंबई इंडियन्स के ड्रेसिंग रूम में बल्कि भारतीय ड्रेसिंग रूम में भी बहुत सम्मान मिलता है. इसलिए मुझे लगता है कि हाल के परिणामों के आधार पर उसका आकलन करना अनुचित है. उन्होंने कहा, वह आने वाले समय में अच्छा करेगा. हमें उस पर विश्वास दिखाने की ज़रूरत है और हमें उनका समर्थन करने की ज़रूरत है. हमें यह कहने से बचना चाहिये कि वह अच्छा नहीं कर रहे हैं.
अतीत में प्रभावशाली भारतीय कप्तानों को बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) और उसके सबसे शक्तिशाली प्रशासक से अप्रत्यक्ष समर्थन मिलता रहा है. सौरव गांगुली के लिए, जगमोहन डालमिया का समर्थन बहुत महत्वपूर्ण था, जबकि महेंद्र सिंह धोनी को अपने कप्तानी कार्यकाल के दौरान हमेशा बीसीसीआई के एक अन्य मजबूत नेता एन श्रीनिवासन का समर्थन प्राप्त था.
कोहली को लेकर कही ये बात
इसी तरह कोहली ने अपनी कप्तानी में उस समय सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया जब विनोद राय की अध्यक्षता में प्रशासकों की समिति बोर्ड का संचालन कर रही थी. राय कोहली के फैसलों का पूरा समर्थन करते थे. हरभजन ने उम्मीद जतायी कि रोहित को बीसीसीआई से वैसा ही समर्थन मिलेगा जैसा उनके पहले के कप्तानों को मिला था.
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आपको बीसीसीआई से समर्थन प्राप्त है, तो आप स्वतंत्र रूप से काम कर सकते हैं. सिर्फ एमएस धोनी या विराट कोहली ही नहीं, अगर आप थोड़ा और पीछे जाएं, तो कई कप्तानों को उस समय के बीसीसीआई अध्यक्षों से समर्थन मिला है. रोहित को भी बीसीसीआई से समर्थन मिल रहा होगा. मुझे नहीं पता कि उन्हें कितना समर्थन मिल रहा होगा
हरभजन ने कहा, ‘‘ जब आप विदेशी दौरे (खासकर ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका) का दौरा करते हैं तो आपको एक ऐसे बल्लेबाज की जरूरत होती है जो एक छोर से पारी को संवार सके. आपको चेतेश्वर पुजारा की तरह एक ऐसे बल्लेबाज की जरूरत होती है जिसके इर्द-गिर्द दूसरे बल्लेबाज तेजी से रन बनाने की कोशिश करे.’’ हरभजन ने इस मौके पर टेस्ट टीम में वापसी करने वाले अजिंक्य रहाणे की तारीफ की जिन्होंने डब्ल्यूटीसी फाइनल में 89 और 46 रन की अहम पारियां खेली.
हरभजन ने कहा, ‘‘ मैं अक्षर पटेल को अधिक से अधिक देखना चाहता हूं क्योंकि वह लगातार सुधार कर रहे हैं. वह जडेजा की जगह लेने जा रहे हैं. अक्षर हालांकि जडेजा की तुलना में ज्यादा युवा नहीं हैं.’’ उन्होंने टेस्ट पदार्पण पर पांच विकेट लेने वाले कुलदीप यादव को टीम में जगह नहीं देने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि शायद अच्छे प्रदर्शन के कारण उसे टीम से बाहर कर दिया गया.
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