नई दिल्ली: मौजूदा समय में क्रिकेट जगत के कुछ ही गिने चुने गेंदबाज हैं जो गेंद को स्विंग करना जानते हैं. उनमें से शायद ही कुछ गेंदबाज हों जो भारतीय पेसर भुवनेश्वर कुमार की तरह गेंद को बेहतरीन तरीके से स्विंग करा पाते हैं. इंग्लैंड के खिलाफ खेली जा रही मौजूदा टी20 सीरीज में भुवनेश्वर कुमार अब तक काफी शानदार लय में नजर आये हैं और सफेद गेंद से दो बार इंग्लैंड के बल्लेबाजी क्रम को बिखेरने में कामयाब रहे हैं.
बर्मिंघम में खेले गये दूसरे टी20 मैच के बाद जब भुवनेश्वर कुमार से उनकी गेंदबाजी के राज के बारे में पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा कि उन्हें खुद नहीं पता कि वह गेंद को स्विंग करा रहे हैं या फिर परिस्थितियों के चलते ऐसा हो रहा है, या फिर गेंद खुद ही स्विंग हो रही है. उल्लेखनीय है कि इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की टी20 सीरीज के पहले दो मैचों में भुवनेश्वर कुमार ने शानदार शुरुआत दिलाई जिसके चलते भारतीय टीम ने सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त हासिल कर ली है.
नहीं पता कैसे स्विंग हो रही है गेंद
दूसरे मैच में भारत को जीत दिलाने के बाद भुवनेश्वर ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो मुझे नहीं पता (गेंद स्विंग क्यों कर रही है), क्योंकि मैं यहां कई बार आ चुका हूं और मैंने यहां पिछली जो कुछ सीरीज खेली हैं उनमें गेंद स्विंग नहीं कर रही थी. इसलिए हां, मैं भी हैरान था कि सफेद गेंद स्विंग कर रही है और लंबे समय तक स्विंग कर रही है, खासतौर से टी20 प्रारूप में. विकेट पर अधिक उछाल भी है. इसलिए हां, जब गेंद स्विंग करती है तो आप उसका मजा उठाते हो. लेकिन ईमानदारी से कहूं तो मुझे नहीं पता कि इसे मैं स्विंग करा रहा हूं, परिस्थितियों के कारण ऐसा हो रहा है या फिर गेंद के कारण ऐसा है लेकिन हां, मुझे खुशी है कि गेंद स्विंग कर रही है.’
भुवनेश्वर कुमार ने आगे बात करते हुए जीत का मंत्र दिया और कहा कि यह बहुत आसान है, अगर गेंद स्विंग कर रही है तो फिर आपको अटैकिंग गेंदबाजी करनी चाहिये और ज्यादा से ज्यादा विकेट चटकाने का प्रयास करना चाहिये. भुवनेश्वर ने इसी फॉर्मूले पर काम करते हुए दो मैच में 25 रन देकर चार विकेट चटकाने का काम किया है.
भुवी ने बताया जीत का मंत्र
मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में बात करते हुए भुवी ने कहा, ‘अगर गेंद स्विंग करती है, जो मेरा मजबूत पक्ष है, तो मैं आक्रमण करने का प्रयास करता हूं. सपाट पिचों पर बल्लेबाज आक्रमण करते हैं, वे वहां अपने शॉट खेलते हैं लेकिन दो मैच में गेंद स्विंग हुई और मैं आक्रमण कर रहा था. लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि अपने ऊपर नियंत्रण रखो. आपको लगता है कि आप एक इनस्विंग, एक आउटस्विंग, एक इनस्विंग फेंकेंगे लेकिन इस इच्छा को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है. निरंतरता के साथ गेंदबाजी करो और बल्लेबाजों को आउट करने के लिए जाल बिछाओ.’
वापसी के बाद बॉलर को क्या करना चाहिये
गौरतलब है कि कुछ समय पहले तक भुवनेश्वर कुमार चोटों से जूझ रहे थे और ऐसा लगने लगा था कि शायद अब इस तेज गेंदबाज का करियर खत्म हो गया है.
इस पर बात करते हुए भुवनेश्वर ने कहा, ‘चोट के बाद आपको पता होता है कि जब आप वापसी करोगे तो आपको अच्छा प्रदर्शन करना होगा. इसके अलावा कोई और विकल्प नहीं होता. मेरा हमेशा से मानना है कि वापसी करने का कम से कम एक मौका और मिलेगा. मुझे पता है कि तब मैं अपना शत प्रतिशत दूंगा लेकिन नतीजे अच्छे मिलेंगे इसकी कोई गारंटी नहीं है. क्योंकि जब आप चोटिल होते हो तो आप हताश हो जाते हो. कुछ निराशा होती है. जरूरी नहीं कि अपने ऊपर संदेह हो लेकिन आप मानसिक रूप से अच्छी स्थिति में नहीं होते.’’
पिछले कुछ दिनों में अच्छे प्रदर्शन के बाद भुवनेश्वर आस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व कप की भारतीय टीम में जगह बनाने के प्रबल दावेदार हैं और टेस्ट टीम में वापसी भी संभव लगती है.
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यह पूछने पर कि क्या वह दोबारा टेस्ट क्रिकेट खेलने को लेकर उत्सुक हैं, तो भुवनेश्वर ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो मैं इस समय किसी चीज के बारे में नहीं सोच रहा. बेशक, जब टेस्ट में मौका मिलेगा तो मैं ‘ना’ नहीं करूंगा. जो भी मौका मिले मैं अच्छा करने का प्रयास करूंगा.'