वर्ल्ड कप से ठीक पहले भारतीय क्रिकेटर का हुआ तलाक, कोर्ट ने माना कि हुई मानसिक क्रूरता

आज से वर्ल्ड कप का आगाज होने जा रहा है. इससे पहले बुधवार को एक भारतीय क्रिकेटर को अपनी पत्नी से तलाक मिला. मानसिक क्रूरता के आधार पर दिल्ली की एक अदालत ने उनका तलाक मंजूर कर दिया. हालांकि यह क्रिकेटर भारत की वर्ल्ड कप स्क्वाड का हिस्सा नहीं है लेकिन वह अभी क्रिकेट में सक्रिय हैं और आईपीएल में एक फ्रेंचाइजी की कप्तानी भी करते हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 5, 2023, 10:54 AM IST
  • क्रिकेटर शिखर धवन का हुआ तलाक
  • दिल्ली की एक अदालत ने किया मंजूर
वर्ल्ड कप से ठीक पहले भारतीय क्रिकेटर का हुआ तलाक, कोर्ट ने माना कि हुई मानसिक क्रूरता

नई दिल्लीः आज से वर्ल्ड कप का आगाज होने जा रहा है. इससे पहले बुधवार को एक भारतीय क्रिकेटर को अपनी पत्नी से तलाक मिला. मानसिक क्रूरता के आधार पर दिल्ली की एक अदालत ने उनका तलाक मंजूर कर दिया. हालांकि यह क्रिकेटर भारत की वर्ल्ड कप स्क्वाड का हिस्सा नहीं है लेकिन वह अभी क्रिकेट में सक्रिय हैं और आईपीएल में एक फ्रेंचाइजी की कप्तानी भी करते हैं.

धवन की पत्नी ने नहीं किया आरोपों का विरोध
दरअसल बुधवार को शिखर धवन को मानसिक क्रूरता के आधार पर उनकी पत्‍नी आयशा मुखर्जी से तलाक की मंजूरी मिली. पटियाला हाउस कोर्ट के न्यायाधीश हरीश कुमार ने तलाक याचिका में धवन की ओर से किए गए सभी दावों को स्वीकार कर लिया, क्योंकि उनकी पत्‍नी ने आरोपों का विरोध नहीं किया या अपना बचाव नहीं किया.

अदालत ने धवन को हुई मानसिक पीड़ा को स्वीकार किया, जो लंबे समय तक अपने इकलौते बेटे से अलग रहने के लिए मजबूर थे.

धवन को बेटे के साथ समय बिताने का अधिकार
बच्चे की स्थायी हिरासत पर कोई आदेश जारी नहीं करते हुए अदालत ने धवन को भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों में अपने बेटे के साथ समय बिताने का अधिकार दिया और उनके बीच वीडियो कॉल की अनुमति दी.

बच्चे को छुट्टियों में आधे दिन भारत भेजने का आदेश 
इसके अलावा अदालत ने मुखर्जी को शैक्षणिक कैलेंडर के भीतर स्कूल की छुट्टियों की कम से कम आधी अवधि के दौरान बच्चे की भारत यात्रा की सुविधा प्रदान करने का आदेश दिया, जिसमें धवन और उसके परिवार के साथ रात भर रहना भी शामिल है.

एक प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर के रूप में धवन के कद को पहचानते हुए अदालत ने उनसे अपने बेटे के साथ मुलाकात या हिरासत के मामलों विशेष रूप से ऑस्ट्रेलिया में अपने समकक्ष से जुड़े मामलों को हल करने में सहायता के लिए केंद्र सरकार से संपर्क करने का आग्रह किया.

कोर्ट आयशा को लगा चुकी है फटकार
इससे पहले अदालतों ने माना था कि अकेले मां के पास बच्चे पर विशेष अधिकार नहीं होता. दोनों ने तलाक और बच्चे की कस्टडी को लेकर भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों में कानूनी कार्यवाही शुरू की थी. कोर्ट ने बच्चे को भारत लाने पर आपत्ति जताने पर आयशा मुखर्जी को फटकार भी लगाई थी.

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