तेलंगाना विधानसभा चुनाव क्यों बीजेपी के लिए है खास, जानिए कैसे 5 साल में पार्टी ने बढ़ाई अपनी ताकत

साल 2018 में सिर्फ एक विधानसभा सीट जीतने से लेकर 2023 में सत्तारूढ़ बीआरएस की प्रमुख प्रतिद्वंदी बनने तक, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तेलंगाना में अपने राजनीतिक भाग्य में नाटकीय बदलाव देखा है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 29, 2023, 03:24 PM IST
  • जानिए कैसे बीजेपी ने बढ़ाई अपनी ताकत
  • सभी को चौंकाकर पार्टी बना रही बढ़त
तेलंगाना विधानसभा चुनाव क्यों बीजेपी के लिए है खास, जानिए कैसे 5 साल में पार्टी ने बढ़ाई अपनी ताकत

हैदराबादः साल 2018 में सिर्फ एक विधानसभा सीट जीतने से लेकर 2023 में सत्तारूढ़ बीआरएस की प्रमुख प्रतिद्वंदी बनने तक, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तेलंगाना में अपने राजनीतिक भाग्य में नाटकीय बदलाव देखा है. कुछ साल पहले तक कुछ शहरी इलाकों तक सीमित भाजपा आज आश्वस्त है कि कर्नाटक के बाद तेलंगाना दक्षिण भारत में उसका दूसरा प्रवेश द्वार बन जाएगा.

2019 में बीजेपी ने जीती 4 लोकसभा सीट
2019 में चार लोकसभा सीटें जीतने के बाद बीजेपी ने आगे बढ़ना जारी रखा और दो विधानसभा उपचुनाव जीतकर और ग्रेटर हैदराबाद के नगरपालिका चुनावों में प्रभावशाली प्रदर्शन कर अपनी स्थिति और मजबूत की. निर्धारित समय से कुछ महीने पहले हुए 2018 के विधानसभा चुनावों में टीआरएस ने 88 सीटें जीतकर राज्य में अपनी सत्ता बरकरार रखी थी. बीजेपी सिर्फ एक सीट जीत सकी थी. वह केवल नौ निर्वाचन क्षेत्रों में दूसरे स्थान पर रही और अधिकांश सीटों पर इसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी.

बीजेपी ने सभी को चौंकाया
हालांकि, कुछ महीने बाद हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सबको चौंका दिया. पार्टी ने न केवल सिकंदराबाद सीट को बरकरार रखा, बल्कि करीमनगर, निजामाबाद और आदिलाबाद से भी जीत हासिल की. उपचुनावों में दो जीत ने भी भाजपा को बढ़त दिलाई थी. हालांकि, मुनुगोडे में उपचुनाव में जीत की हैट्रिक लगाने की भाजपा की उम्मीदों को पिछले साल नवंबर में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने धराशायी कर दिया.

नगरपालिका चुनाव में बीजेपी का लोहा
पार्टी ने अपने केंद्रीय नेताओं के आक्रामक चुनाव प्रचार अभियान से पिछले चुनावों में 150 सदस्यीय नगरपालिका निकाय में अपनी संख्या चार से बढ़ाकर 48 तक कर दी. जीत के बाद भगवा पार्टी को आने वाले चुनावों में अपने लिए मौका दिखाई देने लगा. यही कारण है कि पार्टी यहां अपनी पूरी ऊर्जा झोंक रही है.

कई बड़े नेताओं ने किया दौरा
पिछले कुछ महीनों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शाह, नड्डा और कई केंद्रीय मंत्रियों के सिलसिलेवार दौरों से पता चलता है कि पार्टी तेलंगाना को कितना महत्व दे रही है. तेलंगाना पर भाजपा का ध्यान इसलिए भी है क्योंकि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव राष्ट्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और अखिल भारतीय विस्तार के लिए अपनी पार्टी टीआरएस को बीआरएस में बदल रहे हैं.

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राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी पिछले साल बनाए गए गति को जारी रखने की कोशिश कर रही है, जिसमें पार्टी के शीर्ष नेताओं की राज्य क यात्रा और पार्टी के कार्यक्रमों की एक श्रृंखला है. उम्मीद की जा रही है कि फरवरी में हैदराबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री स्वयं इस प्रयास का नेतृत्व करेंगे. 

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