नई दिल्ली: Karni Sena: राजस्थान की राजधानी जयपुर में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी (Sukhdev Singh Gogamedi) की शुक्रवार को दिन-दहाड़े हत्या कर दी गई. राजस्थान का राजपूत समाज आक्रोश में है. आज राजस्थान बंद का आह्वान भी किया गया है. चुनाव परिणाम के ठीक बाद हुई इस हत्या ने नई बनने वाली सरकार के लिए चुनौती खड़ी कर दी है. गोगामेड़ी श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष थे. आइए, जानते हैं कि करणी सेना कैसे और कब बनी, इसका मकसद क्या है.
कैसे बनी करणी सेना
करणी सेना की स्थापना 23 दिसंबर, 2006 को हुई थी. संगठन का नाम राजपूतों की पूज्य लोक देवी करणी माता के नाम पर रखा गया था. इसकी थापना राजपूत नेता लोकेंद्र सिंह कालवी ने की थी. करणी सेना का मकसद राजपूतों को आरक्षण दिलाने का था. कालवी ने अजित सिंह मामडोली को इसका प्रदेश अध्यक्ष बनाया और खुद संयोजक बने.
कोर्ट तक गई लड़ाई
इसके बाद करणी सेना के संयोजक लोकेंद्र सिंह कालवी कांग्रेस में शामिल हो गए. फिर करणी सेना में फूट पड़ी और प्रदेशाध्यक्ष मामडोली ने कालवी को संगठन से निकाल दिया. 2010 में कालवी ने कांग्रेस छोड़ी और 'श्री राजपूत करणी सेना' नामक नया संगठन बनाया. श्याम प्रताप सिंह रुआं को इसका प्रदेश अध्यक्ष बनाया. इससे नाराज होकर अजित सिंह मामडोली ने कोर्ट में दावा किया कि रजिस्टर्ड करणी सेना तो उनकी है. विवाद को देखते हुए रुआं ने खुद ही प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ दिया.
गोगामेड़ी की हुई एंट्री
रुआं के इस्तीफे के बाद साल 2012 लोकेंद्र सिंह कालवी ने हुनमानगढ़ के गोगामेड़ी गांव के रहने वाले सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को श्री राजपूत करणी सेना का अध्यक्ष बनाया. हालांकि, दोनों की ज्यादादिन निभ नहीं सकी और सुखदेव ने खुद का संगठन खड़ा कर लिया, जिसे 'श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना' नाम दिया गया. हालांकि, साल 2021 में करणी सेना के दोनों धड़े एक हो गए. श्री राजपूत करणी सेना (मूल) का विलय श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना में हो गया.
कब-कब विवादों में रही करणी सेना
करणी सेना सबसे पहले चर्चा में तब आई, जब 2008 में आशुतोष गोवारिकर की फिल्म 'जोधा-अकबर की शूटिंग चल रही थी. पूरे राजस्थान में करणी सेना ने इसके खिलाफ प्रदर्शन किए और रिलीज नहीं होने दिया. सलमान खान की 'वीर' फिल्म भी करणी सेना की सहमति के बाद ही रिलीज हुई थी. फिर आनंदपाल सिंह एनकाउंटर के बाद करनी सेना ने देशभर में विरोध प्रदर्शन किए, इनमें से कुछ हिंसक भी थे. करणी सेना का आरोप था कि आनंदपाल खुद ही सरेंडर करना चाहता था, लेकिन उसका फर्जी एनकाउंटर किया गया. फिर साल 2018 में 'पद्मावत' फिल्म की रिलीज के दौरान भी करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने डायरेक्टर संजय लीला भंसाली को थप्पड़ जड़ दिया था. साथ ही फिल्म ऐक्ट्रेस दीपिका पादुकोण को नाक काटने की धमकी भी दी थी. करणी सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी का साल 2023 के मार्च महीने में निधन हो गया.
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