हम बीजेपी के साथ हाथ न मिलाने वाले लोग, कभी सुझाव भी आया तो...स्वीकार नहीं किया: पवार

शरद पवार ने कहा है-अगर किसी ने सुझाव दिया कि हमें अपने रुख के विपरीत भाजपा का समर्थन करना चाहिए, (तब भी) मेरे सहित पार्टी में कई लोग उस (सुझाव) से सहमत नहीं थे.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 2, 2023, 10:17 PM IST
  • बीजेपी को लेकर पवार ने स्पष्ट किया रुख.
  • बोले- हमने सुझावों को स्वीकार नहीं किया.
हम बीजेपी के साथ हाथ न मिलाने वाले लोग, कभी सुझाव भी आया तो...स्वीकार नहीं किया: पवार

पुणे. नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ हाथ नहीं मिलाने का उनकी पार्टी का रुख हमेशा स्पष्ट रहा है. अगर कभी इसके विपरीत कोई सुझाव आया भी, तो उन्होंने उसे स्वीकार नहीं किया. पवार की यह टिप्पणी ऐसे समय आयी है, जब उनके भतीजे और बागी एनसीपी नेता अजित पवार ने एक दिन पहले उनपर निशाना साधा था.

क्या बोले शरद पवार
शरद पवार ने कहा है-अगर किसी ने सुझाव दिया कि हमें अपने रुख के विपरीत भाजपा का समर्थन करना चाहिए, (तब भी) मेरे सहित पार्टी में कई लोग उस (सुझाव) से सहमत नहीं थे. दरअसल बीजेपी के साथ नहीं जाने का हमारा रुख बहुत स्पष्ट रहा है. हमारे विचार बीजेपी (की विचारधारा) के साथ सुसंगत नहीं हैं. हमने विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ जाने के लिए वोट नहीं मांगे थे, हमने उनके खिलाफ लड़ने के लिए वोट मांगे थे. मैं अपने रुख पर कायम था कि अगर हम बीजेपी के साथ जाते हैं तो, उन लोगों के साथ धोखा होगा जो हमारी विचारधारा में विश्वास करते हैं.

भतीजे पर किया तंज
यही नहीं शरद पवार ने अपने भतीजे अजित पवार पर बीजेपी से हाथ मिलाने के लिए तंज भी किया. उन्होंने कहा कि अगर सुबह-सुबह पद की शपथ लेने वाला कोई व्यक्ति यह दावा कर रहा है कि यह पार्टी की नीति है, तो उस व्यक्ति को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए. अजित पवार की इस घोषणा पर कि उनका गुट बारामती लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेगा - जिसका प्रतिनिधित्व वर्तमान में सुप्रिया सुले कर रही हैं - शरद पवार ने कहा कि लोकतंत्र में कोई भी व्यक्ति कहीं से भी चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र है.

बता दें कि इस साल जुलाई में महाराष्ट्र में बीजेपी और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना की सरकार में शामिल हुए अजित पवार गुट ने पहले भी दावा किया है कि शरद पवार भी एक समय भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन करने के पक्ष में थे. हालांकि बाद में अपना रुख बदल लिया. वर्ष 2019 में, अजित पवार ने सुबह-सुबह डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी, साथ ही देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. बाद में बहुमत अभाव में फडणवीस-अजित पवार सरकार चार दिनों के भीतर ही गिर गई.

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