हैदराबाद. तेलंगाना दक्षिण भारत के ऐसे राज्यों में है जहां बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया है. बीजेपी ने राज्य की 17 लोकसभा सीटों में से 8 पर जीत हासिल की है. वहीं सत्ताधारी कांग्रेस को भी 8 सीटों पर विजयश्री मिली है. वहीं BRS के केवल एक सीट पर जीत मिली है. कांग्रेस को उम्मीद थी कि वह राज्य में और बेहतर प्रदर्शन कर सकती है. अब नतीजों को लेकर तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि बीआरस ने लोकसभा चुनाव में अपने वोट बीजेपी को ट्रांसफर कर दिए. यही कारण है कि बीजेपी को दक्षिणी राज्य में अपनी सीटों की संख्या दोगुनी करने में मदद मिली.
'आत्मा बेचने का लगाया आरोप'
इतना ही नहीं प्रेस कांफ्रेंस में रेवंत रेड्डी ने बीआरएस पर 'आत्मा बेचने' का आरोप तक लगा डाला. रेड्डी ने कहा- 'बीआरएस अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव ने अपने परिवार के हितों की रक्षा के लिए बीआरएस विधायकों के स्वाभिमान को भाजपा के पास गिरवी रख दिया. बीजेपी जिन आठ सीटों पर जीती है, उनमें से सात पर बीआरएस की जमानत जब्त हो गई. बीआरएस के गठन के बाद पहली बार पार्टी का संसद में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है. नवंबर 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में बीआरएस को 37.5 प्रतिशत वोट मिले थे, लेकिन लोकसभा चुनाव में पार्टी का वोट शेयर घटकर 16.5 प्रतिशत रह गया.'
बीजेपी के वोट प्रतिशत पर बोले सीएम
रेड्डी ने कहा-बीजेपी को विधानसभा चुनाव में केवल 13 प्रतिशत वोट मिले थे लेकिन लोकसभा चुनाव में बीजेपी का वोट प्रतिशत बढ़कर 35.5 प्रतिशत हो गया. बीआरएस को 119 विधानसभा क्षेत्रों में से केवल तीन में बहुमत मिला है. बीआरएस के गठन के बाद से सिद्दीपेट क्षेत्र में पार्टी को 30 हजार से 1.5 लाख वोट मिलते थे, लेकिन वहां अब बीआरएस को केवल 2,500 वोट मिले. सिद्दीपेट से बीआरएस विधायक टी. हरीश राव ने अपने वोट बीजेपी को ट्रांसफर कर दिए. बीजेपी के रघुनंदन राव को वोट ट्रांसफर कर बीआरएस ने कमजोर वर्ग से आने वाले कांग्रेस उम्मीदवार को हराने में मदद की.
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