World Famous Billionaire Businessman: अडानी ग्रुप ने अमेरिकी न्याय विभाग और अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग द्वारा कथित रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोपों से इनकार किया है. ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा, 'अमेरिकी न्याय विभाग और अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग द्वारा अडानी ग्रीन के निदेशकों के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं और उनका खंडन किया गया है. जैसा कि अमेरिकी न्याय विभाग ने खुद कहा है, 'अभियोग में लगाए गए आरोप आरोप हैं और जब तक दोषी साबित नहीं हो जाते, तब तक प्रतिवादियों को निर्दोष माना जाएगा. सभी संभव कानूनी उपाय किए जाएंगे.'
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने उद्योगपति गौतम अडानी पर अमेरिका द्वारा रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी का आरोप लगाए जाने के बाद उनकी गिरफ्तारी की मांग की है.
क्या है मामला?
दरअसल, न्यूयॉर्क के एक न्यायाधीश द्वारा गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और कई अन्य लोगों के खिलाफ अरबों डॉलर की रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन वारंटों को अंतरराष्ट्रीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सौंपे जाने की तैयारी है.
उन पर भारत सरकार से सौर ऊर्जा आपूर्ति अनुबंध हासिल करने के लिए 265 मिलियन डॉलर (लगभग 2,236 करोड़ रुपये) की रिश्वतखोरी का आरोप है. इन अनुबंधों से 20 वर्षों में लगभग 2 बिलियन डॉलर (16,880 करोड़ रुपये) का मुनाफ़ा होने का अनुमान था. अभियोग में दावा किया गया है कि जुलाई 2021 से फरवरी 2022 तक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और जम्मू-कश्मीर में राज्य बिजली वितरण कंपनियों के साथ समझौते हासिल करने के बदले में भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने का वादा किया गया था.
कैसे स्कूल ड्रॉप आउट अडानी बन गए दुनिया के मालदार आदमी?
26 नवंबर 2008 की रात को गौतम अडानी भी ताज महल होटल में थे, जहां मुंबई में आतंकवादी हमला हुआ. वह उस समय भारत के 10वें सबसे अमीर व्यक्ति थे. करीब 14 साल बाद, 2022 में अडानी एलन मस्क और जेफ बेजोस के बाद दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति बने थे. वह सात सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनियों, 23,000 कर्मचारियों और 230 बिलियन डॉलर (£190 बिलियन) से अधिक के बाजार पूंजीकरण के साथ एक विशाल बंदरगाह से ऊर्जा समूह चलाते हैं.
वह स्कूल छोड़ व्यापारी बन गए. एक समय अरबपति बनने से बहुत पहले अडानी बाल-बाल बचे थे. जनवरी 1998 में, उन्हें और उनके एक सहयोगी को अहमदाबाद में बंदूक की नोक पर उनकी कार से फिरौती के लिए अगवा कर लिया गया था.
2018 में दो संदिग्धों को रिहा कर दिया गया था, क्योंकि व्यवसायी और उनके सहयोगी 'अदालत से बार-बार समन के बावजूद गवाही के लिए नहीं आए.' खुद को अक्सर लो-प्रोफाइल बताने वाले व्यवसायी अडानी इन घटनाओं के बारे में ज़्यादा बात नहीं करते हैं.
16 साल की उम्र में स्कूल छोड़ने के बाद, अडानी व्यवसाय में हाथ आजमाने के लिए मुंबई चले गए, जहां उन्होंने एक व्यस्त व्यावसायिक जिले में हीरे का व्यापार किया. शुरुआती कारोबार ज़्यादा दिन तक नहीं चला. दो साल बाद वे अपने गृह राज्य गुजरात लौट आए, जहां उन्होंने अपने भाई के साथ एक पैकेजिंग फैक्ट्री चलाई.
कपड़ा व्यापारियों के एक मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाले अडानी ने 1998 में कमोडिटीज में व्यापार करने वाली अपनी फर्म शुरू करने के बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. अगले 25 वर्षों में, उनकी ऋण-चालित कंपनियों ने बंदरगाहों, खानों, रेलवे, बुनियादी ढांचे, बिजली और रियल एस्टेट में जगह बनाई, जिससे वह भारत की नई पीढ़ी के सबसे आक्रामक टाइकून के रूप में सामने आए.
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