Kargil Vijay Diwas: जब RAW ने टैप किया पाकिस्तानी जनरल मुशर्रफ का फोन, रिकॉर्डिंग सुन दंग रह गई दुनिया!

 Kargil Vijay Diwas 2024: कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय खुफिया एजेंसी RAW ने पाकिस्तान के जनरल परवेज मुशर्रफ का फोन टैप किया था. इससे भारत को ऐसी जानकारी मिली, जिससे पाक के नापाक इरादे सबके सामने आ गए.

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Jul 26, 2024, 08:49 AM IST
  • रॉ ने टैप किया था मुशर्रफ का फोन
  • नापाक इरादे दुनिया के सामने आए
Kargil Vijay Diwas: जब RAW ने टैप किया पाकिस्तानी जनरल मुशर्रफ का फोन, रिकॉर्डिंग सुन दंग रह गई दुनिया!

नई दिल्ली: Kargil Vijay Diwas 2024: कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को धूल चटाई थी. आज उसी विजय के उपलक्ष पर कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है. कारगिल युद्ध के दौरान एक तरफ तो देश के सैनिक रणभूमि में दुश्मन को चित कर रहे थे. दूसरी तरफ, भारत ने पाकिस्तान के नापाक इरादों को दुनिया के सामने एक्सपोज किया. भारतीय खुफिया एजेंसी RAW ने पाकिस्तान के तत्कालीन आर्मी चीफ जनरल परवेज मुशर्रफ (General Pervez Musharraf) का फोन टैप कर लिया था.

RAW के अफसर ने कॉल किया
दरअसल, भारत के तत्कालीन सेनाध्यक्ष जनरल वीपी मलिक ने BBC को एक इंटरव्यू में ये पूरा किस्सा बताया. उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान 26 मई, 1999 की रात करीब साढ़े 9 बजे मुझे भारतीय खुफिया एजेंसी RAW के सचिव अरविंद दवे का फोन आया. उन्होंने बताया कि रॉ ने पाकिस्तान के दो शीर्ष जनरलों के बीच की बात को रिकॉर्ड किया है. दो में से एक जनरल चीन से बातचीत भी कर रहा है.

जनरल मुशर्रफ और अजीज की बातचीत
जनरल मलिक कहते हैं कि रॉ के सचिव से एक गलती हो गई थी. वो डायरेक्टर जनरल मिलिट्री इंटेलिजेंस को कॉल करना चाहते थे और उन्होंने गलती से मुझे कॉल लगा दिया. फिर मैंने उनसे कहा कि मुझे फोन बातचीत की ट्रांसस्क्रिप्ट भेजें. मैनें ट्रांसस्क्रिप्ट पढ़ने के बाद रॉ सचिव अरविंद दवे को बताया कि इस बातचीत में पाकिस्तान के जनरल मुशर्रफ और जनरल अजीज खान हैं, जो चीन गए हुए हैं. इस फोन को टैप करते रहिए. 

मुजाहिदीनों की शक्ल में पाक की आर्मी
एक दिन बातचीत में जनरल अजीज खान ने मुशर्रफ को बताया कि हमने (पाकिस्तान) उनके (भारत) एक एमआई 17 हेलीकॉप्टर को गिराया गया है. लेकिन हमने उसे गिराने का दावा नहीं किया. हमने कहा है कि मुजाहिदीनों ने उसे गिराया है. इस पर मुशर्रफ ने कहा- अच्छा किया. इससे ये स्पष्ट हो गया कि कारगिल की ऊंची चोटियों पर मुजाहिदीन नहीं, बल्कि उनके वेश में पाक सेना की एलीट फोर्स है. इस बातचीत से ये भी पता चला कि जनरल मुशर्रफ ही पाकिस्तान की ओर से युद्ध का पूरा प्लान तैयार कर रहे थे. पाक के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भी इसकी खास जानकारी नहीं थी.

नवाज शरीफ को सुनाई रिकॉर्डिंग
तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ये टेप पाक के पीएम नवाज शरीफ को सुनवाने का फैसला किया. लेकिन तब इस्लामाबाद जाना आसान नहीं था. फिर इस काम का जिम्मा मशहूर पत्रकार आर के मिश्रा को दिया गया. उन्हें 'डिप्लोमैट' का दर्जा दिया गया, ताकि पाक के एयरपोर्ट पर उनकी तलाशी न हो. मिश्रा ने ये टेप नवाज शरीफ को सुनाई. फिर इन्हें सार्वजनिक भी कर दिया गया था.

भारत को फायदा हुआ
रॉ के पूर्व अतिरिक्त सचिव बी रमन कहना था कि इन रिकॉर्डिंग्स को सार्वजनिक करने से भारत को फायदा हुआ. हमारी सेना पहले ही दावा कर चुकी थी कि घुसपैठिए पाकिस्तानी सेना के सिपाही हैं न कि जिहादी. ये बात इन टेप से पुख्ता हो गई. फिर अमेरिका ने भी माना कि पाकिस्तान ने कश्मीर में नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया. उन्हें भारत की भूमि से हट जाना चाहिए.

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