राजपथ अब कहलाएगा 'कर्तव्य पथ', 102 सालों में तीसरी बार बदला गया नाम, जानिए क्या है इसका इतिहास

राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक जाने वाली सड़क का नाम बीते 102 सालों में तीसरी बार बदला गया है. ब्रिटिश शासन काल में इस सड़क को 'किंग्सवे' कहा जाता था.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 7, 2022, 01:07 PM IST
  • 102 सालों में तीसरी बार बदला गया नाम
  • जानिए क्या है राजपथ का इतिहास
राजपथ अब कहलाएगा 'कर्तव्य पथ', 102 सालों में तीसरी बार बदला गया नाम, जानिए क्या है इसका इतिहास

नई दिल्ली: नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने राजपथ का नाम बदलकर ‘‘कर्तव्य पथ’’ करने का प्रस्ताव बुधवार को पारित किया. एनडीएमसी की सदस्य मीनाक्षी लेखी ने बताया कि एनडीएमसी परिषद की एक विशेष बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया. 

राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक अब होगा 'कर्तव्य पथ'

लोकसभा की सदस्य लेखी ने कहा, ‘‘ हमने विशेष परिषद बैठक में राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करने का प्रस्ताव पारित कर दिया है.’’ एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने बताया कि आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय से इस संबंध में प्रस्ताव मिला था. 

उन्होंने कहा कि अब इंडिया गेट पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक पूरे इलाके को ‘‘कर्तव्य पथ’’ कहा जाएगा. 

102 सालों में तीसरी बार बदला गया नाम

राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक जाने वाली सड़क का नाम बीते 102 सालों में तीसरी बार बदला गया है. ब्रिटिश शासन काल में इस सड़क को 'किंग्सवे' कहा जाता था, यानी 'राजा का रास्ता'. आजादी मिलने के बाद इसका नाम बदलकर 'राजपथ' रख दिया गया. राजपथ किंग्सवे का ही हिंदी अनुवाद है.

अब साल 2022 में 'राजपथ' का नाम बदलकर 'कर्तव्य पथ' कर दिया गया है. 

ये है राजपथ का इतिहास 

साल 1911 में ब्रिटिश शासन काल में जब कोलकाता को छोड़कर दिल्ली को राजधानी बनाया गया, तब इस नई राजधानी को डिजाइन करने की जिम्मेदारी एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर को दी गई. साल 1920 में जब 'राजपथ' बनकर तैयार हुआ, तो इसे 'किंग्सवे' यानी 'राजा का रास्ता' नाम दिया गया. 

'किंग्सवे' नाम को लेकर भी यह कहा जाता है कि साल 1905 में लंदन में जॉर्ज पंचम के पिता के सम्मान में एक सड़क बनाई गई थी, जिसका नाम किंग्सवे रखा गया था. उसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली में 'राजपथ' का नाम किंग्सवे रखा गया था. 

भारत की आजादी के बाद इस 'किंग्सवे' का नाम बदलकर 'राजपथ' कर दिया गया, जो कि इसका हिंदी अनुवाद ही था. देश में बीते 75 वर्षों से गणतंत्र दिवस की परेड इसी राजपथ हो रही है. जिसका नाम बदलकर अब 'कर्तव्य पथ' कर दिया गया है. 

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