नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संस्थापक एवं मुख्य सरंक्षक इंद्रेश कुमार ने संघ प्रमुख मोहन भागवत और अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख डॉ इमाम उमैर अहमद इलियासी के बीच हुई बातचीत की जानकारी देते हुए यह दावा किया कि बैठक में इलियासी की तरफ से मदरसों में हिंदी भाषा पढ़ाने के साथ-साथ गीता पढ़ाने पर भी सहमति जताई गई.
इंद्रेश कुमार ने मुलाकात को लेकर कही ये बात
इमाम इलियासी के साथ संघ प्रमुख की मुलाकात और मदरसे के दौरे के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा कि बैठक में मदरसों के सर्वे और मदरसों के आधुनिकीकरण का समर्थन करने के लिए जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के स्टैंड की तारीफ की गई.
उन्होंने आगे बताया कि बातचीत के दौरान ही डॉ इमाम उमैर अहमद इलियासी ने मदरसों में हिंदी भाषा और गीता पढ़ाने की वकालत करते हुए यह कहा कि सभी को मातृ भाषा की इज्जत करनी चाहिए और इसके साथ ही मदरसों में हिंदी भाषा और गीता को भी पढ़ाया जाना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि बैठक में इस बात को लेकर पर भी चर्चा हुई कि कुछ राजनीतिक दल और मजहबी नेता मुसलमानों को भारतीय और हिंदुस्तानी नहीं होने दे रहे हैं. ऐसे लोग लगातार बांटने, भड़काने और लड़वाने की शैली में ही काम करते हैं और देश मे जो हिंसा का माहौल बनाया जा रहा है वो देश के विकास के लिये कतई अच्छा नहीं है.
'हिंदू, हिंदुत्व और राष्ट्रीयता को समझना है'
मुस्लिम बुद्धिजीवियों और इमाम इलियासी के साथ संघ प्रमुख की मुलाकात और भागवत के मदरसे दौरे पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा कि संघ के पूर्व प्रमुख केएस सुदर्शन के कार्यकाल के दौरान से ही देश के मुस्लिम और ईसाई इस बात के लिए लगातार संपर्क कर रहे हैं कि वो संघ को सियासी और मजहबी नेताओं के जरिए नहीं बल्कि स्वयं बातचीत कर समझना चाहते हैं. इसी सोच को लेकर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का गठन किया गया था जो कि मुस्लिम समुदाय से बातचीत करने का एक सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म बन गया. वर्तमान संघ प्रमुख मोहन भागवत के समय भी इस तरह के अनुरोध लगातार इन समुदायों की तरफ से आ रहे हैं कि वो संघ से सीधी बातचीत के जरिए हिंदू, हिंदुत्व और राष्ट्रीयता को समझना चाहते हैं.
उन्होंने बताया कि इसी तरह के अनुरोध पर संघ प्रमुख ने 22 अगस्त को दिल्ली संघ कार्यालय पर मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मुलाकात की थी और अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख डॉ इमाम उमैर अहमद इलियासी के निमंत्रण पर संघ प्रमुख आज, 22 सितंबर को उनसे मिलने दिल्ली स्थित उनके घर पर गए थे. उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से एक घरेलू और सामाजिक विजिट थी.
'देश से प्यार और नारी का सम्मान करना चाहिए'
मदरसा के दौरे के दौरान बच्चों और संघ प्रमुख महन भागवत के बाच हुई बातचीत का जिक्र करते हुए इंद्रेश कुमार ने बताया कि संघ प्रमुख ने बच्चों से डॉक्टर, इंजीनियर और टीचर बनने के बारे में बात की. उन्हें यह बताया कि निराकार को प्राप्त करने के अनेक मार्ग है और अपने मार्ग पर चलते हुए दूसरे के मार्ग की इज्जत करनी चाहिए. देश को जानना, मानना और देश से प्यार करना चाहिए, नारी का सम्मान करना चाहिए. उन्होने बच्चों को भले बनने का संदेश देते हुए भला ही करे और भला ही करवाने का भी संदेश दिया.
उन्होंने आने वाले समय में भी मुस्लिम और ईसाई वर्गों के साथ इसी तरह की बातचीत लगातार जारी रहने की जानकारी देते हुए यह बताया कि इस तरह की बातचीत को भविष्य में भी जारी रखने के लिए संघ नेता लगातार सिक्रिय रहेंगे.
आपको बता दें कि, देश के मुस्लिम और ईसाई समुदाय के धर्मगुरूओं और बुद्धिजीवियों के साथ बातचीत, संवाद और संपर्क बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने चार वरिष्ठ नेताओं की एक टोली का भी गठन किया है जिसमें इंद्रेश कुमार के अलावा डॉ कृष्णगोपाल, मनमोहन वैद्य और रामलाल जैसे वरिष्ठ नेताओं को शामिल किया गया है.
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