एयरफोर्स का इकलौता परमवीर, जिसने हवा में कहा- 'जब तक मारूंगा नहीं, तब तक छोडूंगा नहीं'

India Pakistan War 1971: जब भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट निर्मलजीत सिंह सेखों अकेले ही 6 पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों से लोहा ले रहे थे. सेखों भारतीय वायुसेना के इकलौते परमवीर चक्र विजेता हैं.

Written by - Animesh Nath | Last Updated : Dec 16, 2021, 05:47 AM IST
  • 6 पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों से अकेले भिड़ गए थे सेखों
  • भारतीय वायुसेना के अकेले परमवीर चक्र विजेता हैं सेखों
एयरफोर्स का इकलौता परमवीर, जिसने हवा में कहा- 'जब तक मारूंगा नहीं, तब तक छोडूंगा नहीं'

नई दिल्ली: भारत और पकिस्तान के बीच 1971 की जंग लड़ी जा रही थी. भारतीय सेनाएं हर मोर्चे पर पाकिस्तानी सेनाओं से लोहा ले रही थीं. तभी जम्मू एयरबेस पर एक सायरन बजा और फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों और लेफ्टिनेंट घुम्मन अपने लड़ाकू विमाओं में उड़ान भरने के लिए तैयार हो गए.

6 पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों से अकेले भिड़ गए थे सेखों
भारतीय वायुसेना को खबर मिली कि कई पाकिस्तानी लड़ाकू विमान में भारतीय सीमा में घुस आए हैं और वे जम्मू एयरबेस को तबाह करने की फिराक में हैं. इन पाकिस्तानी विमानों से लोहा लेने के लिए लेफ्टिनेंट घुम्मन और फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों ने फोलां नैट एयरक्राफ्ट से उड़ान भरी.

लेकिन, उड़ान भरते ही लेफ्टिनेंट घुम्मन ने विजुअल्स खो दिए. अब कमान सेखों के हाथ में थी. जब तक सेखों हवा में पहुंचे ही थे, उन्हें चार पाकिस्तानी लड़ाकू विमान घेर चुके थे. जो लगातार उनपर बम बरसा रहे थे.

इसी बीच सेखों ने अपनी रफ्तार से पाकिस्तानी विमानों को चौंका दिया. उन्होंने कुछ ही पलों में एक पाकिस्तानी विमान को निशाना बनाकर उड़ा दिया. सेखों अपनी रफ्तार से पाकिस्तानी विमानों को उलझा रहे थे.

उन्होंने एक और पाकिस्तानी विमान को निशाना बनाया और उसे मलबे में तब्दील कर दिया. लेकिन तभी उन्हें पता चला कि दो पाकिस्तानी विमान और उनका पीछा कर रहे हैं.

अब फिर सेखों चार पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों से अकेले मुकाबला कर रहे थे. इस बीच पाकिस्तानी विमानों ने उनके जेट को नुकसान पहुंचा दिया था.

भारतीय वायुसेना के अकेले परमवीर चक्र विजेता हैं सेखों
एयरबेस से सेखों को कमांड दी गई कि वे तुरंत एयरबेस पर वापस आ जाएं. पर सेखों नहीं माने और उन्होंने एयरबेस को यह कहकर जवाब दिया- 'जब तक मारूंगा नहीं, तब तक लौटूंगा नहीं.'

इसके बाद उन्होंने लगातार पाकिस्तानी विमानों पार हमले किए. इस बीच उनका एक इंजन खराब हो गया. एक बार फिर एयरबेस ने सेखों को कम्नद भेजी कि वे रनवे पर वापस लौट आएं, पर सेखों नहीं माने. वे दुश्मन का डटकर मुकाबला करते रहे. सेखों के लगातार हमलों से घबराकर चारों पाकिस्तानी विमान वापस लौट गए.

लेकिन तब तक सेखों का जेट लगभग जर्जर हालत में पहुंच चुका था. जेट बिल्कुल खराब होने के बाद सेखों ने इजेक्ट करने की कोशिश भी की, लेकिन वे इसमें कामयाब नहीं हुए. बाद में उनके जेट का मलबा एक खाई में मिला, लेकिन उनके पार्थिव शरीर का एक भी हिस्सा नहीं मिला.

फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों को उनके निधन के बाद परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था. सेखों इकलौते एयरफोर्स ऑफिसर हैं, जिन्हें परमवीर चक्र से नवाजा गया है.

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