नई दिल्ली: हिमाचल और गुजरात विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद सरकार ने चुनावी बॉन्ड की 23वीं किस्त जारी करने की मंजूरी दी है. चुनावी बॉन्ड की बिक्री 9 नवंबर 2022 से शुरू होगी और इसे 15 नवंबर 2022 तक खरीदा जा सकता है. इस बॉन्ड को जरिए कोई भी राजनीतिक दलों को चंदा दे सकते हैं.
मिलेगा टैक्स छूट का फायदा
इलेक्टॉरल बॉन्ड को खरीद कर कोई भी व्यक्ति राजनीतिक दलों को चंदा दे सकता है. इसकी सबसे खास बात ये है कि इसमें आपको टैक्स छूट का फायदा भी हासिल होगा. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को बिक्री के 23वें चरण में 9 नवंबर से 15 नवंबर 2022 तक अपनी 29 अधिकृत ब्रांच के जरिए से चुनावी बॉन्ड जारी करने और भुनाने के लिए अधिकृत किया गया है.
कौन खरीद सकता है ये इलेक्टोरल बॉन्ड
योजना के नियमों के मुकाबिक, चुनावी बॉन्ड एक व्यक्ति द्वारा खरीदा जा सकता है, जो भारत का नागरिक है या भारत में निगमित या स्थापित कंपनी है. एक व्यक्ति एक इंडिविजुअल होने के नाते अकेले या अन्य इंडिविजुअल के साथ संयुक्त रूप से चुनावी बॉन्ड खरीद सकता है. साथ ही केवल वे राजनीतिक दल जो रिप्रजेंटेशन ऑफ दर पीपल एक्ट, 1951 (1951 का 43) की सेक्शन 29A के तहत रजिस्टर्ड हैं और जिन्हें पिछले लोकसभा या राज्य के विधानसभा चुनावों में कम से कम 1 फीसदी वोट मिले हैं, वे चुनावी बॉन्ड पाने हकदार हैं.
कौन भुना सकता है इसे
चुनावी बॉन्ड एक पात्र राजनीतिक दल द्वारा अधिकृत बैंक के साथ एक बैंक खाते के जरिए ही भुनाया जाएगा. इलेक्टोरल बॉन्ड खरीद कर आप टैक्स में छूट का लाभ ले सकते हैं. इनकम टैक्स की धारा 80GGC/80GGB के तहत राजनीतिक दलों को चंदा देने पर आयकर में छूट भी मिलती है. इलेक्टोरल बॉन्ड जारी होने की तारीख से 15 दिनों के लिए वैलिड होंगे और वैलिडिटी पीरियड खत्म होने बाद चुनावी बाॉन्ड जमा किए जाने पर कोई भुगतान नहीं किया जाएगा.
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