कोरोना वैक्सीन तो नहीं दे रही हार्ट अटैक? भ्रम दूर करने के लिए भारत सरकार की स्टडी

आप भी इस सोच से जूझ रहे हैं कि कहीं कोरोना वैक्सीन तो हार्ट अटैक नहीं दे रही है. ऐसे में लोगों में वैक्सीन के प्रति भरोसा जगाने के लिए सरकार ने आईसीएमआर से स्टडी करने को कहा है.

Written by - Pooja Makkar | Last Updated : Dec 29, 2022, 03:26 PM IST
  • कोरोना वैक्सीन के चलते बढ़ा हार्ट अटैक?
  • सरकार ने इस पर स्टडी करने को कहा
कोरोना वैक्सीन तो नहीं दे रही हार्ट अटैक? भ्रम दूर करने के लिए भारत सरकार की स्टडी

नई दिल्ली: लोगों में बूस्टर डोज को देखकर उत्साह कम हुआ तो सरकार संशय में आ गई. अलग अलग फोरम से सरकार को फीडबैक मिला कि लोग वैक्सीन से नुकसान ना हो जाए, इस वजह से आशंकित हैं. ऐसे में लोगों में वैक्सीन के प्रति भरोसा जगाने के लिए सरकार ने आईसीएमआर से स्टडी करने को कहा है.

ऐसे लोगों का डाटा इकट्ठा करेगा आईसीएमआर
आईसीएमआर देश के अलग-अलग अस्पतालों से ऐसे लोगों का डाटा इकट्ठा करेगा जिन्हें पिछले 2 सालों में हार्ट अटैक आया. इनमें से कितने लोगों को कोरोना था और कितनों को नहीं. ये लोग वैक्सीन लगवा चुके थे या नहीं- कौन सी वैक्सीन और कितनी डोज लगवाई गई थी- इसका भी डाटा इकट्ठा किया जाएगा. 

हालांकि एक्सपर्ट्स का मानना है कि हार्ट अटैक के मरीजों को हम खास तौर पर वैक्सीन लेने की सलाह दे देते हैं. लेकिन कोरोनावायरस की बीमारी होने की वजह से लोगों में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा है.

दिल का मरीज भी बना सकती है कोरोना
फोर्टिस एस्कॉर्टस अस्पताल के चेयरमैन डॉ अशोक सेठ के मुताबिक कोरोना केवल सांस की बीमारी नहीं है- ये दिल का मरीज भी बना सकती है. कोविड में शरीर की धमनियों में सूजन आ सकती है- ऐसे में दिल कीमांसपेशियां भी सूज जाती हैं. साथ ही कोरोनावायरस के बाद लोगों में ब्लड Clot बनते भी देखे गए हैं. इसी कॉकटेल वाले खतरे से कोरोनावायरस के मरीजों को रिकवर होने के एक महीने तक सावधान रहने को कहा जाता है.

ऐसे मरीजों को रिकवर होने के तुरंत बांद एक्सरसाइज़ से बचना चाहिए. धीरे धीरे नॉर्मल लाइफ पर लौटना चाहिए. दिल के मरीजों को वैक्सीन ज्यादा फायदा कर सकती है. खास तौर पर 60 वर्ष से उपर के लोगों को बूस्टर डोज लेनी चाहिए.

सावधान! कड़ाके की ठंड और कोरोनावायरस की बीमारी का इतिहास दे सकता है हार्ट अटैक
पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ साइंस जर्नल की रिपोर्ट में सामने आया है कि कोरोना की बीमारी हो और सर्दियों का मौसम हो तो हार्ट अटैक का खतरा 31% तक बढ़ जाता है. दरअसल, ठंड के मौसम में नसें सिकुड़ती हैं, इससे ब्लड प्रेशर के बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है. सोते समय भी बॉडी की एक्टिविटी धीमी हो जाती है. ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल भी नीचे आ जाता है, जिससे दिल को ज्यादा ऑक्सीजन चाहिए होती है. इस प्रेशर की वजह से  हार्ट अटैक आ सकता है.

फोर्टिस एस्कॉर्टस अस्पताल- दिल्ली की हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ अपर्णा जसवाल के मुताबिक सर्दियों में सुह सुबह की सैर से बचना चाहिए. लोगों को पानी पीते रहना चाहिए जिससे खून गाढ़ा ना हो और ब्लड जमे नहीं.

नाचते गाते हार्ट अटैक, जिम में एक्सरसाइज करते करते हार्ट अटैक या फिर बस चलते चलते ही अचानक गिर जाना- पिछले दिनों में ऐसी तस्वीरें बहुत देखने को मिली. लोग कन्फ्यूज हैं कि क्या ये कोरोना वैक्सीन का साइड इफेक्ट है या कुछ और खास तौर पर युवाओं में 30 से 50 साल की उम्र के फिट दिखने वाले लोगों में हार्ट अटैक के केस बढ़ने के बाद लोग डरे हुए हैं.

अगर दिल में हो दर्द तो ये टेस्ट कराएं
ऐसे में डॉक्टर सलाह दे रहे हैं कि साधारण ईसीजी, ब्लड टेस्ट और इको से ही ये पता लगाया जा सकता है कि कहीं दिल की बीमारी तो नहीं है लेकिन लोगों को छोटे से छोटे खतरो को इग्नोर नहीं करना चाहिए.

हालांकि सरकार के डाटा के मुताबिक भारत में वैक्सीन से होने वाली साइड इफेक्टस से केवल 9 लोगों की मौत हुई थी और किसी के लिए वैक्सीन खतरनाक नहीं है इसके फायदे ज्यादा है. 

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