दीया कुमारी की दादी की खूबसूरती से जलती थीं इंदिरा गांधी, जानें इस स्कूली अदावत की कहानी

Diya Kumari Grandmother: महारानी गायत्री देवी जयपुर राजघराने से ताल्लुक रखती हैं. उनका जन्म 23 मई 1919 को लंदन में हुआ था. उनके पिता जितेंद्र नारायण बंगाल में कूचबिहार के राजा थे. मां राजकुमारी इंदिरा राजे बड़ौदा के महाराज सयाजीराव की बेटी थीं. 

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Dec 8, 2023, 02:08 PM IST
  • काफी खूबसूरत थीं गायत्री देवी
  • आजीवन इंदिरा गांधी के खिलाफ रहीं
दीया कुमारी की दादी की खूबसूरती से जलती थीं इंदिरा गांधी, जानें इस स्कूली अदावत की कहानी

नई दिल्ली: Diya Kumari Grandmother: राजस्थान में मुख्यमंत्री की दौड़ में कई नेता शामिल हैं. इनमें दिग्गज नेताओं के अलावा दूसरी बार की विधायक दीया कुमारी का नाम भी है, दीया कुमारी की राजनीति में साल 2013 में एंट्री हुई थी. उन्होंने सवाई माधोपुर से विधानसभा चुनाव जीता था. उन्हें राजनीति में लाने वाली पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ही थीं, जिनके विकल्प के तौर पर अब दीया को देखा जा रहा है. दीया भले ही राजनीति में 10 साल पहले आई हों, लेकिन उनका परिवार बहुत पहले से राजनीति में जुड़ा हुआ है. उनकी दादी महारानी गायत्री देवी (Gayatri Devi) की पूर्व पीएम इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) से भी खूब अदावत हुई थी. 

कौन थीं महारानी गायत्री देवी?
महारानी गायत्री देवी जयपुर राजघराने से ताल्लुक रखती हैं. उनका जन्म 23 मई 1919 को लंदन में हुआ था. उनके पिता जितेंद्र नारायण बंगाल में कूचबिहार के राजा थे. मां राजकुमारी इंदिरा राजे बड़ौदा के महाराज सयाजीराव की बेटी थीं. राजा जितेंद्र के निधन के बाद इंदिरा राजे ने ही गायत्री देवी समेत चारों बच्चों का पाला. 

स्कूल में शुरू हुई अदावत
गायत्री देवी की शुरुआती शिक्षा भारत में ही हुई थी. वो रवींद्रनाथ टैगोर के शांतिनिकेतन पढ़ा करती थीं. कहा जाता है कि गायत्री देवी बचपन से ही बेहद खूबसूरत थीं. उनके साथ पंडित जवाहरलाल नेहरु की बेटी इंदिरा भी पढ़ा करती थीं. पत्रकार खुशवंत सिंह ने लिखा था कि स्कूल में इंदिरा को गायत्री की खूबसूरती और प्रसिद्धि से जलन हुआ करती थी. यह स्कूल की अदावत इतनी लंबी चली कि दोनों आजीवन एक-दूसरे के खिलाफ रहीं. वसुंधरा राजे भी एक इंटरव्यू में कह चुकी हैं कि राजमाता विजयराजे सिंधिया मानती थीं कि गायत्री देवी अपने समय में दुनिया की सबसे ख़ूबसूरत महिलाओं में से एक थीं.

राजनीति में कैसे हुई एंट्री
गायत्री देवी ने 16 साल की उम्र में राजा मानसिंह बहादुर से लव मैरिज की. मानसिंह पहले से शादीशुदा थे. उनकी दो पत्नियां थीं. गायत्री उनकी तेस्सरी पत्नी बनीं. कुछ साल बाद गायत्री देवी के पास पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने कांग्रेस में आने का ऑफर भेजा. लेकिन गायत्री ने इसे ठुकरा दिया. उन्‍होंने 1962 में स्वतंत्र पार्टी जॉइन की और कांग्रेस पार्टी के खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़ा. गायत्री को 2 लाख 46 हजार 516 में से 1 लाख 92 हजार 909 वोट मिले, उनकी ये जीत गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुई. बकौल खुशवंत सिंह, इंदिरा को गायत्री की जीत रास नहीं औ. इंदिरा ने उन्‍हें 'शीशे की गुड़िया' बताया. 

इंदिरा ने जेल में डाला
इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री बनीं. इमरजेंसी लगी, देश के सभी नेताओं को मीसा एक्‍ट के तहत जेल में डाला जा रहा था. तब गायत्री देवी मुंबई में इलाज करा रही थीं. जैसे ही वो दिल्ली पहुंचीं, उनके यहां इनकम टैक्‍स ने रेड डाल दी. उन्‍हें कन्जर्वेशन ऑफ फॉरेन एक्सचेंज एंड प्रिवेंशन ऑफ स्मगलिंग एक्टिविटीज एक्ट के तहत जेल भेजा गया. गायत्री देवी के अनुसार, जेल में उनके साथ खराब व्यवहार किया गया. दिलचस्प बाते ये है कि जेल में गायत्री देवी ने कैदियों के बच्‍चों को पढ़ाना शुरू कर दिया था. गायत्री और इंदिरा के जीवन भर अदावत रही. फिर महारानी गायत्री देवी ने राजनीति को अलविदा कह दिया. 29 जुलाई, 2009 को उनका निधन हो गया. 

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