नई दिल्ली: देश के 50 वें मुख्य न्यायाधीश के नाम की सिफारिश को लेकर केंद्र सरकार अगले एक-दो दिन में ही सीजेआई यूयू ललित को पत्र लिखने जा रही है. वर्तमान सीजेआई यूयू ललित का कार्यकाल आगामी 8 नवंबर तक है. ऐसे में अगले सीजेआई के लिए उन्हें एक माह पूर्व ही इसकी सिफारिश केंद्र को करनी होगी.
सीजेआई यूयू ललित द्वारा सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम के सदस्यों को पत्र लिखने की खबरों के बीच कानून मंत्रालय के इस मूवमेंट की चर्चा भी है. सूत्रों के अनुसार कानून मंत्रालय सुप्रीम कोर्ट में दशहरा अवकाश के दौरान ही सीजेआई को इस मामले में पत्र भेजकर देश के अगले सीजेआई के नाम की सिफारिश करने का अनुरोध कर सकता है.
क्या है नियम और परंपरा
नए सीजेआई के लिए कानून मंत्री सीजेआई की सेवानिवृति से 40 दिन पूर्व पत्र लिखते हैं, पिछले दो दिनों से सीजेआई को लिखे गए पत्र की फाइल कानूनमंत्री के समक्ष होने की खबर है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि कॉलेजियम के सदस्यों के बीच चल रहे घटनाक्रम को देखते मंत्रालय भी इंतजार करो और देखो की स्थिति में है. सीजेआई द्वारा कॉलेजियम के साथी जजों को लिखे गए पत्र पर मिलने वाली प्रतिक्रिया के पश्चात ही मंत्रालय इस पत्र को भेजने का इंतजार कर रहा है.
CJI यूयू ललित का मुख्य न्यायाधीश के तौर पर 8 नवंबर तक का कार्यकाल है. परंपरा के अनुसार, निवर्तमान CJI सेवानिवृत्ति से एक महीने पहले अपने उत्तराधिकारी की सिफारिश करते हैं, ऐसे में सीजेआई ललित को 8 अक्टूबर तक नए सीजेआई के नाम की सिफारिश करनी होगी. ये अलग बात है कि पूर्व सीजेआई एन वी रमन्ना ने वर्तमान सीजेआई यूयू ललित के नाम की सिफारिश एक सप्ताह बाद की थी.
परंपरा ये भी रही है कि देश की सर्वोच्च अदालत के लिए निर्वतमान सीजेआई सीनियर मोस्ट जज के नाम की ही सिफारिश करते हैं. ऐसे में जस्टिस डी वाई चन्द्रचूड़ देश के नाम की सिफारिश अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में की जायेगी.
अंतिम दिनों में जजों की नियुक्ति का प्रयास
सीजेआई यूयू ललित अपने कार्यकाल में ही देश की सर्वोच्च अदालत में रिक्त पदों पर जजों की नियुक्ति के प्रयास कर रहे हैं. दशहरा अवकाश से पूर्व सुप्रीम कोर्ट में अंतिम कार्यदिवस 30 सितंबर को भी कॉलेजियम की बैठक प्रस्तावित थी. हालाँकि, कॉलेजियम की ये बैठक नहीं हो सकी क्योंकि दूसरे वरिष्ठ जज जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ उस दिन देर रात 9:10 बजे तक अदालत में सुनवाई कर रहे थे.
सीजेआई ललित की अध्यक्षता में कॉलेजियम के पास सिफारिशें करने के लिए 8 अक्टूबर तक का ही समय है. जिसके बाद कॉलेजियम की बैठकें अगले CJI के कार्यभार संभालने तक रोक दी जाती हैं.
सुप्रीम कोर्ट में 9 अक्टूबर तक दशहरा अवकाश है. अवकाश के दिनों में कॉलेजियम की बैठक आयोजित होने की संभावनाए बेहद कम हैं. इसी बीच सीजेआई ललित द्वारा कॉलेजियम के साथी जजों को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट में चार नए जजों की नियुक्ति के लिए उनकी सहमति मांगी गई है.
दो जजों की असहमति
सीजेआई ललित ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट सीजे जस्टिस रविशंकर झा, पटना सीजे जस्टिस संजय करोल, मणिपुर सीजे जस्टिस संजय कुमार और सीनियर एडवोकेट के वी विश्वनाथन के नाम की सिफारिश के लिए साथी जजों से सहमति मांगी है. लेकिन साथी जजों द्वारा इस नई परंपरा के पक्ष में अपनी सहमति नहीं देने की खबरें हैं.
संभवत: देश की सर्वोच्च अदालत में जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम के दूसरे सदस्य एक विस्तृत चर्चा के बाद निर्णय करना चाहते हैं और वे इसके लिए अगले कॉलेजियम का भी इंतजार कर रहे हो. जो कि जस्टिस डी वाई चन्द्रचूड़ के देश के अगले सीजेआई बनने के बाद उनकी अध्यक्षता में होगा.
सामान्य परंपरा के अनुसार, कॉलेजियम पदोन्नति और जजों की नियुक्ति के लिए नामों पर चर्चा करने के लिए भौतिक रूप से बैठकें करता है, जिसमें कॉलेजियम के सभी पांच जजों की सहमति मांगी जाती है. बार एंड बेंच ने सीजेआई द्वारा लिखे गए पत्र को लेकर दो न्यायाधीशों द्वारा अपनी सहमति देने से इनकार करने की खबर प्रसारित की हैं.
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