अग्निपथ योजना पर लगेगी रोक या साफ होगा रास्ता? दिल्ली हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

अग्निपथ योजना के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. पीठ ने याचिकाकर्ताओं के वकील और केंद्र सरकार को 23 दिसंबर तक लिखित दलीलें दाखिल करने को कहा है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 15, 2022, 05:35 PM IST
  • अग्निपथ योजना के खिलाफ दाखिल याचिकाओं फैसला सुरक्षित
  • दिल्ली हाईकोर्ट ने 23 दिसंबर तक दलीलें दाखिल करने को कहा
अग्निपथ योजना पर लगेगी रोक या साफ होगा रास्ता? दिल्ली हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सशस्त्र बलों में भर्ती से संबंधित केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.

अग्निपथ योजना पर कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला
उच्च न्यायालय ने अग्निपथ को सीधे तौर पर चुनौती देने वाली याचिकाओं के अलावा पिछले कुछ विज्ञापनों के तहत सशस्त्र बलों में भर्ती प्रक्रियाओं से संबंधित याचिकाओं पर भी अपना फैसला सुरक्षित रखा.

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने याचिकाकर्ताओं के वकील और केंद्र सरकार को 23 दिसंबर तक लिखित दलीलें दाखिल करने को कहा है, जिसके बाद अदालत में अवकाश शुरू हो जाएंगे.

सशस्त्र बलों में भर्ती के ये नियम किए गए निर्धारित
इस साल 14 जून को शुरू की गई अग्निपथ योजना के तहत सशस्त्र बलों में युवकों की भर्ती के लिए नियम निर्धारित किए गए हैं. इन नियमों के अनुसार, साढ़े 17 से 21 वर्ष की आयु के लोग आवेदन करने के पात्र हैं और उन्हें चार साल के लिए सशस्त्र बलों में भर्ती किया जाएगा.

चार साल के बाद इनमें से 25 प्रतिशत को नियमित सेवा प्रदान करने की मौका दिया जाएगा. योजना के ऐलान के बाद कई राज्यों में इसके खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए थे. बाद में सरकार ने साल 2022 के लिए भर्ती की अधिकतम आयु सीमा बढ़ाकर 23 वर्ष कर दी थी.
(इनपुट: भाषा)

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