नई दिल्ली: हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में ऐसे बहुत ही कम स्टार्स हैं जो बेहद कम समय में अपनी एक्टिंग से गहरी छाप छोड़ जाते हैं. दीपिक डोबरियाल ऐसे एक्टर हैं जो कम स्पेस में दर्शकों को अपनी एक्टिंग का दीवाना बना देते हैं. विलेन से लेकर कॉमेडियन हर किरदार को वह अपने अलग अंदाज में पेश करते हैं. दीपक के लिए हिंदी फिल्मों में काम करने का सफर इतना आसान नहीं था. शुरुआत में उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा है.
उत्तराखंड में हुआ जन्म
एक्टर दीपक का जन्म 1 सितंबर, 1975 को उत्तराखंड में हुआ था. 5 साल की उम्र में वह दिल्ली आए गए. उन्होंने अपनी पढ़ाई दिल्ली से ही की है. बचपन से ही एक्टर को एक्टिंग करना पसंद था. बचपन में वह रामलीला में छोटे-मोटे किरदार करते थे. साल 1994 में एक्टिव की सीखने के लिए थिएटर डायरेक्टर अरविंद गौर के पास गए. इसके बाद उन्होंने कई प्ले में काम किया.
बॉलीवुड डेब्यू
दिल्ली में लंबे समय तक थिएटर करने के बाद दीपक बॉलीवुड में एक्टिंग करना चाहते थे. साल 2003 में एक्टर ने फिल्म 'मकबूल' से अपना डेब्यू किया. विशाल भारद्वाज की फिल्म में उन्होंने छोटा सा किरदार निभाया था. इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में छोटे रोल किए. साल 2006 की फिल्म ओंकारा से उनके करियर को नया मोड़ मिला.
'पप्पी जी' के किरदार से बनें स्टार
साल 2011 की रिलीज फिल्म 'तनु वेड्स मनु' में पप्पी जी के किरदार ने दीपक डोबरियाल को रातो-रात स्टार बना दिया. उनके किरदार को दर्शकों ने काफी पसंद किया. आज भी दीपक को लोग पप्पी जी के रूप में ही जानते हैं. इस किरदार के लिए उन्हें कई अवॉर्ड्स मिले.
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