यूपी में सपा-कांग्रेस के बीच बन गई बात! 'अखिलेश ब्रिगेड' ने की 17 सीटें देने की पेशकश

सपा ने देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में 11 सीट की पेशकश की थी. कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने अधिक सीट की मांग की थी. यूपी कांग्रेस चीफ अजय राय मांग की थी उनकी पार्टी दो दर्जन सीटें मिलनी चाहिए.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 19, 2024, 06:40 PM IST
  • पहले सपा ने की थी 11 सीटों की पेशकश.
  • अब कांग्रेस को 17 सीटें देने पर राजी सपा.
यूपी में सपा-कांग्रेस के बीच बन गई बात! 'अखिलेश ब्रिगेड' ने की 17 सीटें देने की पेशकश

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत जारी है. अब अखिलेश यादव की पार्टी की तरफ से कांग्रेस को अंततः 17 सीट की पेशकश की है. माना जा रहा है कि अब अखिलेश यादव रायबरेली जिले में राहुल गांधी की न्याय यात्रा का हिस्सा बन सकते हैं. इससे पहले वो अमेठी में न्याय यात्रा में नहीं शामिल हुए हैं. 

सपा ने क्या कहा?
सीट शेयरिंग के संबंध में समाजवादी पार्टी के  के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा है- 'हमने कांग्रेस को 17 लोकसभा सीट की अंतिम पेशकश की है. इस पेशकश पर उसकी (कांग्रेस की) स्वीकृति के आधार पर रायबरेली में न्याय यात्रा में अखिलेश यादव का शामिल होना निर्भर करेगा.' बता दें कि 17 सीटों की पेशकश के बावजूद अभी सपा की तरफ यह नहीं बताया गया कि किन लोकसभा सीटों को कांग्रेस को दिया गया है.

सपा ने पहले की थी 11 सीटों की पेशकश
सपा ने देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में 11 सीट की पेशकश की थी. कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने अधिक सीट की मांग की थी. यूपी कांग्रेस चीफ अजय राय मांग की थी उनकी पार्टी दो दर्जन सीटें मिलनी चाहिए. इसके लिए उन्होंने साल 2009 के लोकसभा चुनाव का हवाला दिया था. बता दें कि उत्तर प्रदेश में कुल 80 लोकसभा सीटें हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए ने 64 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं बसपा और सपा के गठबंधन ने 15 सीटें जीती थीं. इसमें बसपा ने दस तो सपा ने पांच सीटों पर जीत हासिल की थी. कांग्रेस के खाते में इकलौती रायबरेली की सीट आई थी जहां से सोनिया गांधी प्रत्याशी थीं. अमेठी सीट पर राहुल गांधी को भी हार का सामना करना पड़ा छा.

सपा की जमीनी पकड़
विपक्षी गठबंधन इंडिया में समाजवादी पार्टी भी साझीदार है और राज्य में बीजेपी के बाद उसकी सबसे ज्यादा जमीनी पकड़ मानी जाती है. हाल ही में इंडिया गठबंधन के साझीदार रहे राष्ट्रीय लोकदल ने एनडीए का दामन थाम लिया है. माना जा रहा है कि रालोद के एनडीए में शामिल हो जाने के बाद पश्चिम यूपी में सत्तारूढ़ गठबंधन को काफी फायदा हो सकता है. 

अमेठी में न्याय यात्रा
बता दें कि राहुल गांधी की अगुवाई में भारत जोड़ो न्याय यात्रा सोमवार को अमेठी से गुजरी जिसके बाद वह रायबरेली में प्रवेश करेगी. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पहले कहा था कि वह रायबरेली में राहुल की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होंगे. 

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