इस राज्य का CM बनेगा इंदिरा गांधी का सुरक्षा अधिकारी रह चुका नेता! जानें कैसी रही है सफलता की राह

लालदुहोमा ने बहुकोणीय मुकाबले में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एमएनएफ के जे. माल्सावमजुआला वानचावंग को 2,983 मतों के अंतर से हराकर अपनी सेरछिप सीट बरकरार रखी, जबकि पार्टी के अधिकांश प्रमुख उम्मीदवार अपनी-अपनी सीटों पर जीत चुके हैं या आगे चल रहे हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 4, 2023, 05:03 PM IST
  • इंदिरा गांधी के सुरक्षा अधिकारी रह चुके हैं ये नेता.
  • 2018 के बाद मिजोरम में 'शक्ति' दिखा रहे हैं.
इस राज्य का CM बनेगा इंदिरा गांधी का सुरक्षा अधिकारी रह चुका नेता! जानें कैसी रही है सफलता की राह

आइजोल. मिजोरम के चुनावी नतीजे आ चुके हैं और अब तस्वीर लगभग साफ हो रही है कि राज्य में किस पार्टी की सरकार आएगी. आईपीएस अधिकारी से नेता बने लालदुहोमा की पार्टी ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के 40 सदस्यीय मिजोरम विधानसभा में 27 सीटें जीतने के बाद उनका राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनना लगभग तय है.

अपनी सीट बरकरार रखी
लालदुहोमा ने बहुकोणीय मुकाबले में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एमएनएफ के जे. माल्सावमजुआला वानचावंग को 2,983 मतों के अंतर से हराकर अपनी सेरछिप सीट बरकरार रखी, जबकि पार्टी के अधिकांश प्रमुख उम्मीदवार अपनी-अपनी सीटों पर जीत चुके हैं या आगे चल रहे हैं. इंदिरा गांधी के पूर्व सुरक्षा अधिकारी रहे 73 वर्षीय लालदुहोमा लगातार दूसरी बार राज्य विधानसभा के लिए चुने गए. जीत के बाद उन्होंने मीडिया को बताया कि वह मंगलवार या बुधवार को राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. लालदुहोमा ने आक्रामक अंदाज अपनाते हुए कहा है- सभी भ्रष्टाचार के मामलों (एमएनएफ शासन के दौरान) की जांच सीबीआई और अन्य एजेंसियों द्वारा की जाएगी. हम सभी क्षेत्रों में पारदर्शिता बनाए रखते हुए मिजोरम में शासन की एक नई प्रणाली पेश करेंगे.

पूर्व आईपीएस अधिकारी ने दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सुरक्षा प्रभारी के रूप में कार्य किया और 1982 एशियाई खेलों की आयोजन समिति में एक महत्वपूर्ण पद पर रहे. गांधी परिवार के साथ निकटता के कारण 1984 में सेवा छोड़कर वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे. इसके बाद उन्होंने लंबा रास्ता तय किया है.

2018 से दिखने लगी थी लालदुहोमा की 'शक्ति'
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले और बाद में, लालदुहोमा के नेतृत्व वाली जेडपीएम एमएनएफ और कांग्रेस दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई.  भारतीय चुनाव आयोग के पास पार्टी के पंजीकृत नहीं होने के कारण जेडपीएम के उम्मीदवारों को 2018 में निर्दलीय के रूप में लड़ना पड़ा. विधानसभा चुनाव से पहले ही लालदुहोमा ने आईएएनएस से कहा था, “मेरी पार्टी (जेडपीएम) 7 नवंबर के विधानसभा चुनाव में भारी जीत हासिल करेगी और हम मिजोरम में अगली सरकार बनाएंगे.

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