नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव की मतगणना से एक दिन पहले निर्वाचन आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, भारत ने संसदीय चुनाव में 31.2 करोड़ महिलाओं समेत 64.2 करोड़ मतदाताओं की भागीदारी के साथ वैश्विक रिकॉर्ड बनाया. इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया पर निर्वाचन आयुक्तों को कुछ लोगों की ओर से ‘लापता जेंटलमेन’ नाम दिए जाने का भी जवाब दिया.
'डेढ़ करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों ने दी सेवा'
राजीव कुमार ने कहा, 'हम हमेशा यहीं थे, कभी नदारद नहीं रहे.' उन्होंने सात चरणों की मतदान प्रक्रिया पर भी बात की. उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी मतदान प्रक्रिया में 68 हजार से ज्यादा निगरानी दल, डेढ़ करोड़ से अधिक मतदान और सुरक्षा कर्मी शामिल रहे. साथ ही लोकसभा चुनाव 2024 के लिए करीब चार लाख वाहनों, 135 विशेष ट्रेनों और 1,692 उड़ानों का इस्तेमाल किया गया.
'मतदान कर्मियों के दिल पर कैसा लगता होगा'
उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने वृद्धजनों के घर जाकर उनका वोट लिया. 85 साल की उम्र से ज्यादा के वोटरों ने घर से ही मतदान किया. उन्होंने कहा कि मतदानकर्मी तमाम मुश्किलों को सामना करते हुए मतदान कराने के लिए गए. जब उनकी निष्ठा पर प्रश्न उठाए जाते हैं उन्हें कैसा लगता होगा.
'जम्मू-कश्मीर में 4 दशकों में सर्वाधिक मतदान'
निर्वाचन आयुक्त ने जम्मू-कश्मीर में चार दशकों में सबसे ज्यादा मतदान पर बात करते हुए कहा कि जम्म-कश्मीर में कुल 58.58 फीसदी वोटिंग हुई. इसमें से घाटी में 51.05 प्रतिशत मतदान हुआ. इसी आधार पर हमने आगे विधानसभा चुनाव कराना तय किया है.
राजीव कुमार ने कहा, 'यह उन आम चुनावों में से एक है जहां हमने हिंसा नहीं देखी. इसके लिए दो साल की तैयारी की आवश्यकता थी. आपको याद होगा कैसी हिंसा होती थी. यह आसान नहीं था.'
#WATCH | Chief Election Commissioner Rajiv Kumar gives details about the counting process to be followed to declare the results of Lok Sabha elections on June 4, he says, "The entire counting process is absolutely robust. It works similar to the precision of a clock." pic.twitter.com/uDVrx2ttg6
— ANI (@ANI) June 3, 2024
मतगणना प्रक्रिया को लेकर दी जानकारी
उन्होंने चुनाव के नतीजे घोषित करने के लिए अपनाई जाने वाली मतगणना प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए कहा, 'पूरी काउंटिंग प्रक्रिया बिल्कुल मजबूत है. साढ़े 10 लाख बूथ हैं. एक हॉल में 14 टेबल होंगे. टेबल के सामने हर उम्मीदवार के पोलिंग एजेंट होंगे. 8 हजार से ज्यादा उम्मीदवार हैं. वहां माइक्रो ऑब्जर्वर और ऑब्जर्वर होंगे. कहीं से कहीं तक इस प्रक्रिया में गलती नहीं हो सकती. हालांकि अगर कोई मानवीय गलती होती है तो उसे हम ठीक करेंगे.