नई दिल्ली: Charan Singh Vs Raj Narain: बशीर बद्र का एक शेर है. 'दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे, जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों'. देश में लोकसभा चुनाव आ चुके हैं. प्रत्याशियों ने अपना चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है. चुनाव में प्रत्याशियों की ओछी भाषा सुनने को मिलते हैं. प्रतिद्वंदिता इतनी बढ़ गई है कि हर चुनाव में भाषा और सम्मान रिकॉर्ड स्तर पर गिरने लगते हैं. ऐसे में प्रतिद्वंदियों को चौधरी चरण सिंह और राजनारायण के बीच हुए चुनाव का किस्सा जरूर जानना चाहिए.
दोनों अपने जमाने के दिग्गज नेता
चौधरी चरण सिंह और राजनारायण, दोनों ही अपने समय के दिग्गज नेता हुआ करते थे. चौधरी चरण सिंह 1979-1980 में देश के प्रधानमंत्री रह चुके थे. जबकि राजनारायण ने 1977 में देश की पूर्व PM इंदिरा गांधी को चुनाव हराया था. ये राजनारायण ही थे जिनकी याचिका पर कोर्ट ने इंदिरा गांधी को अयोग्य करार दिया था. बाद में इंदिरा ने कोर्ट के इस फैसले के चलते पूरे देश में इमरजेंसी लागू कर दी थी.
चौधरी के गढ़ में राजनारायण ने भरी हुंकार
साल 1984 के लोकसभा चुनाव में राजनारायण ने लोकदल के नेता और पूर्व PM चौधरी चरण सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया. यूपी की बागपत सीट चरण सिंह का गढ़ हुआ करती थी. चरण सिंह ने यहां से 1977 और 1980 में भारी मार्जिन के साथ जीत दर्ज की थी. राजनारायण ने चौधरी को उन्हीं के गढ़ में चुनौती दी.
जब राजनारायण ने चौधरी से मांगा आशीर्वाद
कहा जाता है कि जब राजनारायण चुनाव का नामांकन दाखिल करके लौट रहे थे, तब वे और चौधरी चरण सिंह आमने-सामने हो गए. राजनारायण ने चरण सिंह की वरिष्ठता का समान किया. उनके पास जाकर नतमस्तक हो गए. चौधरी का हाथ पकड़कर सिर पर रखवा लिया और बोले- मुझे चुनाव में जीत का आशीर्वाद दीजिए. चौधरी ने एक क्षण भी विचार नहीं किया और बोले मेरा आशीर्वाद आपके साथ है.
आम सभाओं में चौधरी ने ये अपील
जब राजनारायण अपने चुनावी प्रचार में व्यस्त थे, तब चौधरी अपने लोगों से उनकी खैर-खबर पूछ लिया करते थे. दरअसल, चौधरी को डर था कि राजनारायण देर रात तक चुनावी सभाएं करते हैं, कहीं किसी गांव में उनके साथ बदसलूकी न हो जाए. फिर चौधरी चरण सिंह ने अपनी आम सभाओं में भी लोगों से ये अपील करना शुरू कर दी कि कोई भी राजनारायण से बदतमीजी नहीं करेगा. चौधरी चरण सिंह की ऐसी अपील सुनकर राजनारायण भी हैरान थे.
क्या रहे चुनाव के नतीजे?
चुनाव के नतीजे चौधरी चरण सिंह के पक्ष में रहे. 2.53 लाख वोट मिले. उनकी टक्कर में कांग्रेस के महेश चंद रहे, जिन्हें 1.67 लाख वोट मिले. चरण सिंह ने मेहश चंद को 85 हजार वोटों के अंतर से चुनाव हराया. राजनारायण को केवल 33 हजार वोट मिले. वे तीसरे नंबर पर रहे.
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