नई दिल्ली: सियासी गलियारे में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर उठापटक का दौर शुरू हो चुका है. जहां पूरा विपक्ष एकजुट होकर ये दावा कर रहा है कि इस बार मोदी सरकार की विदाई का समय आ चुका है, वहीं बीजेपी अपनी सरकार बचाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. इसी के मद्देनजर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चुनाव प्रचार के लिए कमान संभाल ली है. आज जेपी नड्डा का तिरुवनंतपुरम दौरा है, जो सियासी नजरिए से बेहद अहम है. आपको समझाते हैं कि आखिर नड्डा की नजर केरल की इस सीट पर क्यों है.
कांग्रेस के गढ़ में क्या बीजेपी लगा पाएगी सेंध?
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी अपनी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. पिछले 15 सालों से तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट पर कांग्रेस के शशि थरूर का जलवा देखने को मिलता आया है. ऐसे में इस सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. जब बीजेपी ने 2014 लोकसभा चुनाव में अमेठी पर राहुल गांधी के खिलाफ स्मृति ईरानी को मैदान में उतारा था, तो दमदार मुकाबला देखने को मिला था. 5 साल तक स्मृति ईरानी ने लगातार कोशिश जारी रखी, इसका नतीजा 2019 के लोकसभा चुनाव में देखा गया.
बीजेपी को इस बात का पूरा अंदाजा है कि अपने विरोधियों को कमजोर करना है, तो उसके गढ़ में हरा दो. उसका मनोबल खुद ब खुद गिर जाएगा. राहुल गांधी की मजबूरी पिछले चुनाव में देखी गई थी कि उन्हें सांसदी बचाने के लिए केरल के वायनाड सीट से चुनाव लड़ना पड़ा था. कहा जाता है कि उनके सामने ये प्रस्ताव तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर ने ही रखा था.
ऐसे में बीजेपी की कोशिश होगी कि वो इस लोकसभा चुनाव में शशि थरूर को पटखनी देने के लिए हर संभव कोशिश करेगी. इसका इशारा जेपी नड्डा के इस दौरे से मिल चुका है. बीजेपी ने इस बार प्लान बनाया है कि हर जिले के लोकसभा क्षेत्रों से बूथ अध्यक्षों को शामिल करते हुए एक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक बूथ से अध्यक्ष और महासचिव सहित चार लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी. इसी प्लान को धरातल पर उतारने के लिए नड्डा तिरुवनंतपुरम पहुंच रहे हैं.
जेपी नड्डा के दौरे की खास बातें
भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख जे. पी. नड्डा अपने तिरुवनंतपुरम दौरे पर कहा कि केरल के लोगों द्वारा किए जा रहे अच्छे काम वाम लोकतांत्रिक मोर्चा और संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा की क्षुद्र राजनीति के कारण व्यर्थ जा रहे हैं.
In the last 9 years, around 54,000 km of National Highways have been added in the country.
This forms a big push towards easing people's lives as well as boosting the economy of the nation.
- Shri @JPNadda
— BJP (@BJP4India) June 26, 2023
- केंद्रीय परियोजनाओं के लाभार्थियों के साथ जेपी नड्डा की सीधी बैठक और इंटरैक्टिव कार्यक्रम होगा.
- बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा अट्टुकल मंदिर जाएंगे और प्रभावशाली व्यक्तियों से मुलाकात करेंगे.
- कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार से केरल में पार्टी के मनोबल पर असर पड़ा है, उस पर काम होगा.
- जेपी नड्डा की तिरुवनंतपुरम यात्रा उनके तेलंगाना दौरे के बाद होगी, जिससे कई रणनीतियों पर चर्चा होगी.
तिरुवनंतपुरम के लिए क्या है बीजेपी और नड्डा का असल प्लान?
लोकसभा चुनाव 2019 का जिक्र करें तो तिरुवनंतपुरम सीट पर हुए चुनाव में बीजेपी के कुम्मनम राजशेखरन दूसरे स्थान पर रहे थे. इसमें कोई दो राय नहीं है कि केरल लेफ्ट का गढ़ है और कुछ जगहों पर कांग्रेस की मजबूत पकड़ है. इसके बावजूद 2019 चुनाव के आंकड़ों को देखकर ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीजेपी इस लोकसभा सीट पर अपने कब्जे की पूरी कोशिश करेगी. आपको पिछले दो लोकसभा चुनाव के आंकडों से समझाते हैं कि आखिर नड्डा का असल प्लान क्या हो सकता है.
लोकसभा चुनाव 2019 के आंकड़े
कांग्रेस - शशि थरूर- 4 लाख 16 हजार 131 वोट
बीजेपी - कुम्मनम राजशेखरन- 3 लाख 16 हजार 142 वोट
सीपीआई - सी. दिवाकरन- 2 लाख 58 हजार 556 वोट
लोकसभा चुनाव 2014 के आंकड़े
कांग्रेस - शशि थरूर- 2 लाख 97 हजार 806 वोट
बीजेपी - ओ. राजगोपाल- 2 लाख 82 हजार 336 वोट
सीपीआई - बेनेट अब्राहम- 2 लाख 48 हजार 941 वोट
आम आदमी पार्टी - अजीत जॉय- 14 हजार 153 वोट
लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 के आंकड़ों पर गौर करें तो, बीजेपी का ग्राफ 2019 में डाउन हुआ था. मगर जेपी नड्डा ने इस बात को समझा कि 2014 में महज 15 हजार वोट से हार का सामना करना पड़ा था, जो 2019 में बढ़कर 1 लाख वोट हो गया. ऐसे में बीजेपी 2024 में शशि थरूर के जरिए कांग्रेस का मनोबल गिराने की पूरी कोशिश करेगी. बीजेपी का प्लान जेपी नड्डा के तिरुवनंतपुरम दौरे से समझा जा सकता है.
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