नई दिल्ली: कुंडली में द्वितीय भाव पीड़ित होने के कारण स्त्री चुगली करने लगती है. इधर की बात उधर करने लगती हैं. अपने ही घर और परिवार की निंदा करने लगती हैं. इसलिए इन्हें अपनों और कुटुम्ब का सुख नहीं मिल पाता है. प्रकृति का भी प्रकोप इनको झेलना पड़ता है.
इस दोष के कारण बिगड़ जाते हैं आपसी संबंध
किसी विपत्ति में घिर जाने पर सबसे पहले इनके अपने साथ छोड़ देते हैं. कुटुम्ब इन्हें गंभीरता से नहीं लेते. क्योंकि इनके संबंध सबसे बिगड़ चुके होते हैं. इनका व्यवहार पारिवारिक हितों के विपरित देखा जाता है. इसकी कीमत इन्हें ही चुकानी पड़ती है.
इस उपाय से मिलेगी इस दोष से मुक्ति
ज्योतिष के आधार पर इसके दोष को खत्म करने के लिए कोई तंत्र क्रिया, मंत्र क्रिया करने की जरूरत नहीं है. सिर्फ इतना ही कीजिए कि चुगली करना बंद कर दीजिए. अपने परिवार को सम्मान दीजिए, कुटुम्ब को सम्मान दीजिए. घर आये मेहमान को अतिथि को भरपूर आदर सत्कार कीजिए. कुंडली का द्वितीय भाव में उत्पन्न दोष अपने आप ठीक हो जायेगा.
लगातार बीमार रहने के हो सकते हैं ये कारण
जब शरीर की कोशिकाओं को नियमित तौर पर भोजन पानी और ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है तो शरीर बीमार होने लगता है. लगातार बीमार रहने के कई कारण हो सकते हैं. लोग जब सेहत में गिरावट को नजरअंदाज करते हुए भी काम करते हैं उन्हें बीमारी जकड़ लेती हैं.
प्रतिदिन 15 मिनट ये प्राण मुद्रा स्वस्थ होगा शरीर
फिर उन्हें लम्बे समय तक उपचार की जरूरत पड़ती है. आपको मैं एक विशेष मुद्रा बता रहा हूं. आप प्राण मुद्रा का नियमित अभ्यास करें. आपको लाभ होगा. प्रतिदिन 15 मिनट प्राण मुद्रा के अभ्यास से आपका शरीर स्वस्थ होने लगेगा. इसके प्रभाव से आप जल्दी ही निरोग हो जायेंगे. लेकिन प्राण मुद्रा को नियमित तौर पर करना होगा.
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