सीरिया में जारी गृहयुद्ध के बीच अल असद के लिए बुरी खबर है कि वो अब सबसे अहम शहर दारा पर से पूरी तरह कंट्रोल खो चुके हैं. एक जानकारी के मुताबिक राज्य के लगभग 90 फीसद इलाकों से असद का कंट्रोल लगभग खत्म हो चुका है.
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सीरियाई विद्रोहियों ने राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ 2011 के विद्रोह के जन्मस्थान दारा पर कंट्रोल कर लिया है, जो देश के लंबे समय से चले आ रहे गृहयुद्ध में एक बड़ा मोड़ है. शनिवार 7 दिसंबर को दारा शहर सिर्फ़ एक सप्ताह में सरकार के कंट्रोल से बाहर होने वाला चौथा अहम बन गया. विद्रोही सूत्रों ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि सेना ने दारा से वापसी करने के लिए एक समझौते के तहत सहमति जाहिर की है, जिससे सेना के अधिकारियों को लगभग 100 किलोमीटर उत्तर में राजधानी दमिश्क तक महफूज रास्ता मिल सके.
सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फ़ॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक हाल के दिनों में सरकार के कंट्रोल से हटाए गए दो अन्य अहम शहर अलेप्पो और हामा, इस्लामवादी नेतृत्व वाले विद्रोही गठबंधन के हाथों में चले गए, जबकि दारा पर स्थानीय सशस्त्र समूहों ने कब्ज़ा कर लिया. बताया जा रहा है कि स्थानीय गुटों ने दारा प्रांत में दारा शहर समेत ज्यादातर इलाकों पर कंट्रोल कर लिया है. एक जानकारी के मुताबिक अब वे राज्य के 90 फीसद से ज्यादा हिस्से पर कंट्रोल कर चुके हैं, क्योंकि शासन बलों ने क्रमिक रूप से वापसी की है.
भारत सरकार ने शुक्रवार को सीरिया के लिए एक यात्रा सलाह जारी की है. जिसमें भारतीय नागरिकों को अगले आदेश तक देश की यात्रा करने से बचने की सलाह दी गई. यह चेतावनी सीरिया में मौजूदा हालात के मद्देनजर दी गई है, जो यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण जोखिम पैदा करती है. विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा,'सीरिया में मौजूदा हालात को देखते हुए, भारतीय नागरिकों को अगले नोटिफिकेशन तक सीरिया की यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है.'
इस्लामिस्ट हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के नेता अबू मोहम्मद अल-जोलानी ने कहा कि हमले का मकसद असद को उखाड़ फेंकना था. जोलानी ने CNN से कहा,'जब हम मकसद के बारे में बात करते हैं, तो इकसद टार्गेट इस शासन को उखाड़ फेंकना है. उस टार्गेट को हासिल करने के लिए सभी उपलब्ध साधनों का उपयोग करना हमारा हक है.'
सीरिया का गृह युद्ध 500,000 से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है और आधी से ज्यादा आबादी को अपने घरों से भागने पर मजबूर होना पड़ा है. इस समय जंग अपने चरम पर है, क्योंकि असद की सेना ने इतने कम समय में इतने सारे प्रमुख शहरों पर नियंत्रण कभी नहीं खोया था.