Sri Lanka Economic Crisis: आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में स्थिति और बिगड़ गई है. रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) के देश का नया राष्ट्रपति बनने के बाद श्रीलंकाई सेना और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर एक्शन शुरू कर दिया है, जिसके बाद वहां पर एक बार फिर चिंगारी भड़क उठी है.
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Sri Lanka Economic Crisis: आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका (Sri Lanka) में राजनीतिक उथल पुथल तेज हो गई है. देश का नया राष्ट्रपति बनने के बाद रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) ने सरकारी प्रतिष्ठानों को घेरे बैठे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सख्त उठाने के आदेश दे दिए हैं. राष्ट्रपति के आदेश के बाद श्रीलंका की सेना और पुलिस ने मिलकर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ना शुरू कर दिया है. गुरुवार रात में ही सुरक्षाबलों ने राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, प्रधानमंत्री निवास के बाहर लगे प्रदर्शनकारियों के तंबू उखाड़ फेंके और लोगों को दूर कर वहां बैरिकेडिंग कर दी.
#WATCH | Sri Lanka: Tents of protestors being dismantled by the armed security personnel amid a late-night clampdown outside the premises of the Sri Lankan Presidential Secretariat in Colombo pic.twitter.com/yuhRWU0lRj
— ANI (@ANI) July 21, 2022
सेना-पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के तोड़े टैंट
रिपोर्ट के मुताबिक रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) के खिलाफ विरोध करने के लिए हजारों प्रदर्शनकारियों पिछले कई दिनों से राष्ट्रपति भवन के पास जमे हुए हैं. उन्होंने वहां पर अपने टेंट लगा रखे हैं, जहां पर रहकर वे दिन-रात सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. अब सरकार के आदेश के बाद सेना-पुलिस के सैकड़ों जवान प्रदर्शनकारियों को वहां से खदेड़ रहे हैं. रात में शुरू हुए अभियान में प्रदर्शनकारियों को सोते समय टेंटों से बाहर निकाला गया और उसके बाद उन्हें तोड़ दिया गया. खदेड़े गए प्रदर्शनकारी दोबारा से राष्ट्रपति भवन के परिसर में न घुस जाएं, इसे देखते हुए वहां पर ऊंचे-ऊंचे बैरिकेड लगाकर हथियारबंद सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है.
#WATCH | Sri Lanka: Armed soldiers deployed in a bid to control the protestors, who've been protesting against the new Sri Lankan President Ranil Wickremesinghe, outside the premises of the Sri Lankan Presidential Secretariat in Colombo pic.twitter.com/OAJBaeQ5GF
— ANI (@ANI) July 21, 2022
सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारियों में हुई भिडंत
श्रीलंकाई (Sri Lanka) मीडिया के मुताबिक सेना-पुलिस के इस क्रैकडाउन से सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारियों में भिडंत की स्थिति बनी हुई है. प्रदर्शनकारियों ने इसे राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) की तानाशाही बताते हुए वहां से हटने से इनकार कर दिया है. एक प्रदर्शनकारी ने मीडिया से कहा, 'रानिल विक्रमसिंघे हमें बर्बाद करना चाहते हैं. उन्होंने दोबारा से हमें दबाने की कोशिश की है लेकिन हम झुकेंगे नहीं. हम चाहते हैं कि हमारा देश ऐसी घटिया राजनीति से मुक्त हो जाए. जब तक ऐसा नहीं होता, हम यहीं जमे रहेंगे.'
खत्म होने को है श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार
बताते चलें कि श्रीलंका (Sri Lanka) की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से पर्यटन और चाय उद्योग पर निर्भर है. लेकिन पिछले 2 साल से जारी कोरोना महामारी ने उसके इन दोनों उद्योगों की कमर तोड़ दी है. रही-सही कसर चीन समेत दुनियाभर से लिए गए भारी कर्जों ने पूरी कर दी है. जिनका ब्याज चुकाते-चुकाते देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खाली हो चुका है. श्रीलंका के पास अब केवल करीब 2 बिलियन डॉलर ही शेष बचे हैं, जिनसे वह कुछ दिनों तक ही विदेशों से सामान खरीद सकता है. इसके चलते श्रीलंका में दवाई, भोजन, पेट्रोल-डीजल समेत सभी जरूरी सामानों का गंभीर संकट खड़ा हो गया है. श्रीलंका के लोग इस स्थिति के लिए गोटाबाया राजपक्षे और रानिल विक्रमसिंघे समेत कई नेताओं को जिम्मेदार मानते हैं.
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