'90 घंटे काम की वकालत वाली' कंपनी से छिना 70000 करोड़ का नेवी कॉन्ट्रैक्ट, मलते रह गई हाथ, इनकी झोली में गिरा 'मौका'
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'90 घंटे काम की वकालत वाली' कंपनी से छिना 70000 करोड़ का नेवी कॉन्ट्रैक्ट, मलते रह गई हाथ, इनकी झोली में गिरा 'मौका'

Defence Ministry rejects L and T submarine deal: 90 घंटे काम करने की नसीहत देने वाले लार्सन एंड टुब्रो कंपनी के सीईओ को सरकार की तरफ से झटका मिला है. इंजीनियरिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी एलएंडटी कंपनी हाल में उस समय सुर्खियों में आई थी, जब कंपनी के चेयरमैन ने हफ्ते में 90 घंटे काम करने की सलाह दी थी. जानें पूरा मामला.

'90 घंटे काम की वकालत वाली' कंपनी से छिना 70000 करोड़ का नेवी कॉन्ट्रैक्ट, मलते रह गई हाथ, इनकी झोली में गिरा 'मौका'

 Larsen and Toubro: डिफेंस मिनिस्ट्री ने इंजीनियरिंग सेक्टर की प्रमुख कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) को बड़ा झटका दिया है. भारतीय नौसेना को छह स्टील्थ पनडुब्बियों की आपूर्ति के लिए पांच अरब यूरो के सौदे के वास्ते लार्सन एंड टूब्रो लिमिटेड और स्पेन की रक्षा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी नवांतिया की बोली आखिरकर समाप्त हो गई है, क्योंकि रक्षा मंत्रालय ने पाया कि वे निर्धारित आवश्यकताओं को पूरा नहीं करते हैं.

अब किसके हाथ में लगा प्रोजेक्ट?
मामले से वाकिफ लोगों ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पनडुब्बी के क्षेत्रीय परीक्षणों के बाद एलएंडटी-नवांतिया जोड़ी के दौड़ से बाहर हो जाने के बाद, जर्मन रक्षा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी थिसेनक्रुप मरीन सिस्टम्स (टीकेएमएस) और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) के बीच संयुक्त उद्यम इस सौदे को हासिल करने की बेहतर स्थिति में है. मूल्यांकन परीक्षणों के परिणाम पर हालांकि कोई आधिकारिक टिप्पणी या विवरण नहीं मिली है. रक्षा मंत्रालय अगले कुछ महीनों में ‘प्रोजेक्ट 75 इंडिया’ (पी75-आई) के विजेता की घोषणा करने की प्रक्रिया में है. इस प्रोजेक्ट के तहत छह पनडुब्बियां बनाई जानी हैं.

छह पनडुब्बियां खरीदने के लिए 70,000 करोड़ रुपए का टेंडर
सरकार ने छह पनडुब्बियां खरीदने के लिए 70,000 करोड़ रुपए का टेंडर जारी किया था, जिसमें L&T ने भी बोली लगाई थी. हालांकि, डिफेंस मिनिस्ट्री का कहना है कि कंपनी ने शर्तों का पालन नहीं किया है. भारतीय नौसेना प्रोजेक्ट 75 इंडिया के तहत छह ऐसी पनडुब्बियां खरीदना चाहती है जिनमें तीन सप्ताह तक पानी के नीचे रहने की क्षमता हो. एएनआई के मुताबिक रक्षा सूत्रों बताया कि एलएंडटी ने स्पेनिश कंपनी Navantia के साथ प्रस्ताव दिया था लेकिन यह नेवी की आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं था. इस कारण इसे खारिज कर दिया है। यह कंपनी नेवी की रणनीतिक पनडुब्बी परियोजनाओं में शामिल रही है. इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक,

पहली पनडुब्बी 2032 तक डिलीवर होने की उम्मीद
सूत्रों ने बताया कि अगर अनुबंध पर हस्ताक्षर किए जाते हैं, तो पहली पनडुब्बी 2032 तक डिलीवर होने की उम्मीद है, जो हस्ताक्षर की तारीख से सात साल है. यह सौदा रक्षा मंत्रालय की अधिग्रहण परियोजना प्रोजेक्ट 75 (भारत) के तहत हो रहा है. फेस्टिव ऑफर गुरुवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को लिखे एक पत्र में एमडीएल ने कहा: "पी75 (आई) - एमडीएल पुष्टि करता है कि एमडीएल द्वारा प्रस्तुत वाणिज्यिक बोली को आगे की प्रक्रिया के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा खोल दिया गया है. परियोजना 75 के तहत स्कॉर्पीन श्रेणी की 3 अतिरिक्त पनडुब्बियों के संबंध में, जैसा कि पहले बताया गया है, परियोजना के संबंध में वाणिज्यिक वार्ता प्रक्रिया में है.

90 घंटे काम करने का क्या है मामला?
एलएंडडी हाल में अपने चेयरमैन और एमडी एसएन सुब्रह्मण्यम के एक बयान के कारण सुर्खियों में आई थी. Reddit पर उनका एक वीडियो आया था जिसमें वह कर्मचारियों को हफ्ते में 90 घंटे काम करने की नसीहत दे रहे थे. उनका कहना था कि अगर उनका बस चलता तो वह रविवार को भी कर्मचारियों को ऑफिस बुलाकर उनसे काम करवाते. वीडियो में वह कर्मचारियों से कह रहे हैं, 'घर पर बैठकर आप क्या करते हैं? आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक निहार सकते हैं? चलो, ऑफिस जाओ और काम करना शुरू करो.' इस कारण वह सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हुए थे.

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