वाह रे पाकिस्तान.. खाने को रोटी नहीं फिर भी अमेरिका के ऊपर भड़क उठा, आखिर मामला क्या हो गया?
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वाह रे पाकिस्तान.. खाने को रोटी नहीं फिर भी अमेरिका के ऊपर भड़क उठा, आखिर मामला क्या हो गया?

US Pakistan Relations: पाकिस्तान ने यह भी कहा कि वह अमेरिका के साथ सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता से जुड़े सभी मुद्दों पर रचनात्मक संवाद के लिए तैयार है. उन्होंने लंबे समय से चले आ रहे सहयोग और आपसी समझ को मजबूत करने की बात पर जोर दिया.

वाह रे पाकिस्तान.. खाने को रोटी नहीं फिर भी अमेरिका के ऊपर भड़क उठा, आखिर मामला क्या हो गया?

Pakistan missile allegations: अंतरराष्ट्रीय राजनीति में कब क्या हो जाए, मौजूदा दौर में कुछ नहीं कहा जा सकता है. इसी बीच पाकिस्तान अमेरिका के ऊपर भड़का हुआ है. अमेरिकी अधिकारी के मिसाइल क्षमताओं को लेकर दिए गए बयान को पाकिस्तान ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि ये आरोप बेबुनियाद हैं. उसने तो यह तक कह दिया कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंच सकता है. अमेरिकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने पाकिस्तान पर ऐसे मिसाइल विकसित करने का आरोप लगाया था, जो दक्षिण एशिया के बाहर, यहां तक कि अमेरिका को भी निशाना बना सकते हैं.

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय का बयान

असल में पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि ये आरोप ऐतिहासिक तथ्यों और तर्क से परे हैं. उन्होंने कहा कि 1954 से दोनों देशों के बीच सकारात्मक संबंध रहे हैं, और ऐसे आरोप इन संबंधों को कमजोर कर सकते हैं. पाकिस्तान ने स्पष्ट किया कि उसने अमेरिका के खिलाफ कभी भी कोई बुरी मंशा नहीं रखी और ये तथ्य आज भी सच है.

'बड़े बलिदान दिए हैं'

बयान में यह भी कहा गया कि पाकिस्तान ने अमेरिका के साथ अपने रिश्ते बनाए रखने के लिए बड़े बलिदान दिए हैं. लेकिन, अमेरिकी अधिकारी के इस बयान ने पाकिस्तान को प्रतिद्वंद्वी देशों के समान मानने की कोशिश की है, जो अस्वीकार्य है. पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि ये चिंताएं किसी अन्य के इशारे पर उठाई गई हैं ताकि क्षेत्र में रणनीतिक संतुलन को अस्थिर किया जा सके.

'अधिकारियों की चिंताएं केवल पाकिस्तान तक'

इतना ही नहीं पाकिस्तान ने भारत के मिसाइल कार्यक्रम का अप्रत्यक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा कि अमेरिकी अधिकारियों की चिंताएं केवल पाकिस्तान तक सीमित हैं, जबकि इसकी मिसाइल क्षमताएं सिर्फ आत्मरक्षा और क्षेत्रीय शांति के लिए हैं. पाकिस्तान ने यह भी स्पष्ट किया कि वह अपनी रणनीतिक क्षमताओं को विकसित करने के अधिकार पर कोई समझौता नहीं करेगा.

हालांकि पाकिस्तान ने यह भी कहा कि वह अमेरिका के साथ सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता से जुड़े सभी मुद्दों पर रचनात्मक संवाद के लिए तैयार है. उन्होंने लंबे समय से चले आ रहे सहयोग और आपसी समझ को मजबूत करने की बात पर जोर दिया. एक्सपर्ट्स के बीच पाकिस्तान के इस बयान को लेकर चर्चा है कि रोटी के लिए तरस रहा पाकिस्तान आखिर अमेरिका को ऐसे कैसे जवाब दे सकता है. आखिर किसके दम पर वह ऐसा जवाब दे रहा है. 

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