Oldest Man In The World: जुआन का जन्म 27 मई, 1909 को वेनेजुएला में यूक्विटियो पेरेज और एडेलमीरा मोरा के घर हुआ था और जब उनकी मृत्यु हुई तब वे वेनेजुएला के ताचिरा राज्य में रह रहे थे.
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Oldest Man in The World Dies: दुनिया के सबसे बुजुर्ग शख्स का 114 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. वेनेजुएला (Venezuela) के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जुआन विसेंट पेरेज मोरा (Juan Vicente Pérez Mora) की मौत की जानकारी दी. जुआन को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने फरवरी 2022 में सबसे बुजुर्ग व्यक्ति घोषित किया था. उस वक्त उनकी उम्र 112 साल 253 दिन थी.
जुआन का जन्म 27 मई, 1909 को वेनेजुएला में यूक्विटियो पेरेज और एडेलमीरा मोरा के घर हुआ था और जब उनकी मृत्यु हुई तब वे ताचिरा राज्य में रह रहे थे.
सीबीएस की रिपोर्ट के मुताबिक एडियोफिना डेल रोसारियो गार्सिया (Ediofina del Rosario García) से उनके 11 बच्चे थे - छह बेटे और पांच बेटियां. पेरेज़ के 42 ग्रैंड चिल्ड्रन, 18 ग्रेट ग्रैंड चिल्ड्रन और 12 ग्रेट ग्रेट ग्रैंड चिल्ड्रन थे.
गर्वनल और राष्ट्रपति ने दी श्रद्धांजलि
गवर्नर फ्रेडी बर्नाल ने एक्स पर कहा, 'गहरे दुख और दर्द के साथ हम विनम्र, मेहनती, शांतिपूर्ण, परिवार और परंपरा के प्रति उत्साही, ताचिरा के इस आदर्श शख्स को अलविदा कहते हैं.'
राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने जुआन को को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, 'जुआन विसेंट पेरेज़ मोरा 114 साल की उम्र में अनंत काल में चले गए हैं. मैं उनके परिवार और तचिरा राज्य में एल कोबरे के सभी लोगों को अपनी और संवेदनाएं भेजता हूं. भगवान उन्हें अपनी पवित्र महिमा में प्राप्त करें.'
1948 में शेरफ बने थे जुआन
जुआन ने 5 साल की छोटी उम्र में ही खेती का काम करना शुरू कर दिया था. वह केवल कुछ ही महीनों के लिए स्कूल गए लेकिन उन्होंने पढ़ना और लिखना सीख लिया. 1948 में वह कैरिकुएना शहर में शेरिफ बन गए, जहां उन्होंने दस वर्षों तक भूमि और पारिवारिक विवादों को सुलझाया.
सीबीएस की रिपोर्ट के मुताबिक जेरोन्टोलॉजी रिसर्च ग्रुप ने कहा कि वे वर्तमान में दुनिया के सबसे बुजुर्ग जीवित व्यक्ति को खोजने के लिए काम कर रहे हैं. इसके दो दावेदार हैं- पहले जापान के गिसाबुरो सोनोबे, जिनका जन्म 6 नवंबर, 1911 को हुआ था, दूसरे ब्राज़ीलियाई जोसियस डी ओलिवेरा, जिनका जन्म 21 अक्टूबर, 1911 को हुआ था. समूह ने कहा कि उपाधि प्रदान करने से पहले दोनों जन्म तिथियों की पुष्टि की जानी चाहिए.
Photo courtesy:@GWR