डूब रहा है चीन का ये सेक्टर, क्या भारत पर भी पड़ेगा प्रभाव? दुनिया को चिंता
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डूब रहा है चीन का ये सेक्टर, क्या भारत पर भी पड़ेगा प्रभाव? दुनिया को चिंता

Real Estate: चीन के लिए कभी काफी चोखा सौदा रहा रियल-एस्टेट अब ठप होने की कगार पर है. लेकिन पिछले काफी समय से एक के बाद एक चीन की रियल-एस्टेट कंपनियां दिवालिया हो रही हैं. इसके चलते दुनियाभर में चिंता है कि इसका प्रभाव कहां तक जाएगा.

डूब रहा है चीन का ये सेक्टर, क्या भारत पर भी पड़ेगा प्रभाव? दुनिया को चिंता

Housing Market Of China: चीन एक ऐसा देश है जहां की चीजें बहुत कम दुनिया के सामने आ पाती हैं. खासकर वहां के लोगों के जीवन से जुड़ी चीजें और रोजगार के मामले सरकार के चंगुल में ही रहते हैं. हालांकि दुनिया के सामने चीन खुद को कितना भी ताकतवर दिखाने की कोशिश कर ले लेकिन कई बार उसकी सच्चाई खुलकर सामने आ जाती है. इसी कड़ी में चीन का एक ऐसा सेक्टर डूब रहा है जो उसके लिए काफी मुनाफे का सौदा रहा है. चीन के विकास में रियल-एस्टेट इंडस्ट्री का बड़ा हाथ रहा है. लेकिन अब यह सेक्टर दिवालिया होने की कगार पर है. एक्सपर्ट्स को आशंका है कि इससे भारत समेत दुनिया को कितना नुकसान हो सकता है.

ग्लोबल इकॉनमी के ग्रोथ पर असर?
दरअसल, रिपोर्ट्स के मुताबिक ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच के मुताबिक चीन के प्रॉपर्टी मार्केट में आई गिरावट ग्लोबल इकॉनमी के ग्रोथ पर असर डाल सकती है. वैसे भी चीन की इकॉनमी में हाउसिंग की 12 परसेंट हिस्सेदारी है. लेकिन अब इसमें लगातार गिरावट देखी जा रही है. चीन में रियल स्टेट के मार्केट की हालत खस्ता होने के चलते कई कंपनियों ने अपने प्रोजक्ट पूरे तो कर दिए हैं. लेकिन उन्हें खरीदार नहीं मिल रहा है. कुछ समय पहले चीन की एक और रियल स्टेट की दिग्गज कंपनी कंट्री गार्डन ने बताया था कि पहले छह महीने में उसे 7.6 अरब डॉलर तक की भारी-भरकम का नुकसान उठाना पड़ा है.

इसका असर दूसरे देशों में भी?
पिछले दिनों बिजनेस इनसाइडर ने अपनी एक केस स्टडी में बताया था कि चीन में CPI और PPI दोनों इंडेक्स एक साथ घट रहे हैं. ऐसी स्थिति पिछली बार 2020 में बनी थी. तब भी डिफ्लेशन का दौर नजर आया था. एक बार फिर वही स्थिति बनती दिख रही है. इसके चलते महंगाई और बेरोजगारी भी बढ़ रही हैं. वहीं वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम का मानना है कि चीन के जीडीपी का 1 फीसदी नीचे जाने का मतलब है कि ग्लोबल जीडीपी में 0.3 फीसदी की गिरावट. शायद यही वजह है कि इसका असर दूसरे देशों में भी दिख सकता है. हालांकि कितना व्यापक दिखेगा यह तय नहीं किया जा सकता है.

बेरोजगारी भी बढ़ रही है
एक्सपर्ट्स का मानना है कि चीन के इस सेक्टर में आई गिरावट की वजह है डिमांड की कमी होना. लोग नए घरों को खरीदने को इच्छुक नहीं हैं. इसकी वजह से कीमतें गिर रही हैं, जबकि बेरोजगारी भी बढ़ रही है. और कंपनियों के दिवालिया होने की वजह से इसका असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है. इसी बीच चीन में बेरोजगारी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है और वहां के युवा भटक रहे हैं. इतना ही नहीं चीनी सरकार ने बेरोजगारी के आंकड़ों को जारी करने पर रोक लगा रखी है. 

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