कहानी सीरिया की: अंग्रेजों ने जिसके टुकड़े किए, बाप-बेटे की तानाशाही में अब कराह रहा मुल्क
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कहानी सीरिया की: अंग्रेजों ने जिसके टुकड़े किए, बाप-बेटे की तानाशाही में अब कराह रहा मुल्क

History of Syria: सीरिया की राजधानी पर विद्रोहियों के कब्जे के बाद राष्ट्रपति बशर अल असद देश छोड़कर भाग गए हैं. राजधानी दमिश्क छोड़ने के बाद वो अपने परिवार के साथ मास्को में हैं, जहां उन्हें राजनीतिक शरण दी गई है. इस मौके पर हम आपको सीरिया के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं. 

कहानी सीरिया की: अंग्रेजों ने जिसके टुकड़े किए, बाप-बेटे की तानाशाही में अब कराह रहा मुल्क

History of Syria: रविवार को आतंकवादी विद्रोही समूह हयात तहरीर अल-शाम और अन्य विद्रोही समूहों ने सीरिया की राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया. इस कब्जे के साथ ही बशर अल-असद का 24 साल का शासन खत्म हो गया. बशर अल असद अल्वी (अलावाइट) संप्रदाय से संबंध रखते थे. अनुमान है कि अलावाइट सीरिया में 10 से 13 प्रतिशत के बीच हैं, फिर भी उन्होंने पिछले 50 से भी ज्यादा वर्षों से सुन्नी-बहुमत देश पर शासन किया है. 1971 में बशर अल असद के पिता हाफिज अल असद ने सीरिया में तख्तापलट कर सत्ता अपने हाथों में ली थी.

सभ्यता का गहवारा है सीरिया

इस मौके पर आपने कई सीरिया के इतिहास से जुड़ी खबरें पढ़ी होंगी जिनमें दावा किया जा रहा है कि सीरिया दुनिया के सबसे पुराने इलाकों में से एक है. लेकिन सीरिया के लिए सिर्फ इतना कह देना काफी नहीं है. सीरिया के इतिहास को संपूर्ण सभ्य विश्व के इतिहास के रूप में समझा जाना चाहिए. यह देश सभ्यता का गहवारा, आध्यात्मिक और बौद्धिक विरासत के एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्से का इतिहास से जुड़ा है. इस देश पर पर मुसलामनों के राज से पहले, सेमेटिक, एमोराइट, अरामी, मिस्र, असीरियन, बेबीलोनियन, ग्रीक, रोमन और ईरानी जनजातियों समेत विभिन्न जनजातियों ने इस देश को अपना निवास स्थान बनाया या समय-समय पर इस पर हमले किए. 

अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग नाम

प्रथम विश्व युद्ध तक सीरिया, लेबनान, फिलिस्तीन और जॉर्डन इसी का हिस्सा हुआ करते थे. ब्रिटिश और फ्रांसीसियों की ने इसे टुकड़ों में बांट दिया गया और 1920 में वर्तमान सीरिया अस्तित्व में आया. अंग्रेजी में इस देश को सीरिया कहा जाता है, जबकि अरबी भाषा में इसे अरब जम्हूरिया सूरिया कहा जाता है. इसके अलावा उर्दू भाषा में इस देश को शाम के नाम से जाना जाता है. देश का एक लंबा इतिहास है जिसके बारे में इतिहासकारों का कहना है कि यह लगभग पांच हजार साल पहले का है. 

नवपाषाण संस्कृति

लगभग 10,000 ईसा पूर्व से सीरिया नवपाषाण संस्कृति (जिसे पहले मिट्टी के बर्तन नवपाषाण के नाम से जाना जाता था) के केंद्रों में से एक था. यहां पर खेती और पशुपालन पहली बार दिखाई दिया था. नवपाषाण काल ​​से पहले लोग पत्थर, जिप्सम और जले हुए चूने से बने बर्तनों का इस्तेमाल करते थे. पुरातत्वविदों ने साबित कर दिया है कि सीरियाई सभ्यता पृथ्वी पर सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक थी, शायद मेसोपोटामिया (मेसोपोटामिया को भी सबसे पुरानी सभ्यता माना जाता है) से पहले.

सीरिया, अपने रणनीतिक स्थान की वजह से सदियों से विभिन्न साम्राज्यों और सभ्यताओं का केंद्र रहा है. इस क्षेत्र पर कई बार विदेशी शक्तियों ने आक्रमण किए हैं और लंबे समय तक शासन किया है. कुछ एक की जानकारी हम आपको बताने जा रहे हैं. 

सीरिया का इतिहास: प्रमुख कालखंड और साम्राज्य

कालखंड साम्राज्य/राजवंश मुख्य घटनाएं
3000–2000 ई.पू. सुमेरियन और अक्कादियन मेसोपोटामिया सभ्यता का हिस्सा; अक्काद के सरगोन का प्रभाव.
2000–1600 ई.पू. अमोराइट्स अमोराइट्स ने विभिन्न हिस्सों पर शासन किया; बाबुल के हमुराबी का प्रभाव.
1500–1300 ई.पू. मित्तानी साम्राज्य उत्तर-पश्चिम सीरिया मित्तानी शासन के तहत रहा; हित्ती और मिस्र से संघर्ष भी हुआ.
1600–1200 ई.पू. हित्ती साम्राज्य उत्तरी सीरिया पर नियंत्रण; कादेश का युद्ध (1274 ई.पू.).
900–605 ई.पू. अश्शूर साम्राज्य कठोर शासन, शहरों की तबाही; नीनवे राजधानी बनी.
612–539 ई.पू. नव-बेबीलोनियाई साम्राज्य अश्शूर के पतन के बाद कब्जा; नेबुचदनेज़र द्वितीय का शासन.
539–332 ई.पू. फारसी साम्राज्य आचमेनिड साम्राज्य का हिस्सा; साइरस महान का प्रभाव.
332–63 ई.पू. यूनानी (सेल्यूसिड राजवंश) सिकंदर महान ने विजय की; बाद में सेल्यूसिड साम्राज्य का हिस्सा.
63 ई.पू.–636 ई. रोमन/बीजान्टिन रोमन प्रांत बना; एंटीओक सांस्कृतिक केंद्र.
636–661 ई. राशिदुन खलीफा यरमूक की लड़ाई के बाद विजय; दमिश्क राजधानी बनी.
661–750 ई. उम्मयद खलीफा दमिश्क उम्मयद साम्राज्य की राजधानी; इस्लामी स्वर्ण युग.
750–1258 ई. अब्बासी खलीफा राजधानी बगदाद स्थानांतरित; सीरिया साम्राज्य का हिस्सा रहा.
1099–1291 ई. क्रूसेडर तटीय क्षेत्रों पर कब्जा; सलाउद्दीन अय्यूबी ने फिर जीत लिया.
1250–1516 ई. ममलूक मंगोल आक्रमणों के बाद शासन.
1516–1918 ई. ऑटोमन साम्राज्य ममलूकों को हराकर सीरिया को जोड़ा.
1920–1946 ई. फ्रांसीसी उपनिवेश प्रथम विश्व युद्ध के बाद नियंत्रण; 1946 में आजादी मिली.

हाफ़िज़ अल-असद का शासन (1971–2000)

आजादी मिलने के बाद 1971 में, हाफ़िज़ अल-असद ने सीरिया में सत्ता संभाली. उन्होंने बाथ पार्टी (Ba'ath Party) के माध्यम से एक मजबूत सैन्य और राजनीतिक कंट्रोल स्थापित किया. हाफ़िज़ ने सीरिया को एक मजबूत और स्वतंत्र राष्ट्र बनाने की कोशिश की लेकिन उनकी शासन शैली अत्यधिक सत्तावादी थी.

बशर अल-असद का युग (2000–वर्तमान)

हाफ़िज़ की मौत के बाद उनके बेटे बशर अल-असद ने सत्ता संभाली. शुरुआती दौर में बशर को एक प्रगतिशील नेता माना गया लेकिन 2011 में अरब स्प्रिंग के बाद हालात बदल गए. उनके शासन में सीरिया ने गृहयुद्ध, आर्थिक संकट और विदेशी दखल का सामना किया.

युद्ध/घटना तारीख मुख्य कारण परिणाम
1948 का अरब-इजरायल युद्ध 1948-1949 - इजरायल की स्थापना और फिलिस्तीन का विभाजन.
- अरब देशों द्वारा इजरायल का विरोध.
- इजरायल की जीत.
- सीरिया और अन्य अरब देशों की हार.
- सीरिया ने संघर्षविराम पर हस्ताक्षर किया.
1967 का छह-दिन का युद्ध 5-10 जून 1967 - इजरायल और अरब देशों (सीरिया, मिस्र, जॉर्डन) के बीच बढ़ता तनाव.
- क्षेत्रीय विवाद और सामरिक महत्व.
- इजरायल ने गोलेन हाइट्स, पश्चिमी तट और गाजा पट्टी पर कब्जा कर लिया.
- सीरिया को बड़ा नुकसान.
1973 का यॉम किप्पुर युद्ध 6-25 अक्टूबर 1973 - 1967 में खोए हुए क्षेत्रों को वापस पाने की कोशिश.
- सीरिया और मिस्र का इजरायल पर हमला.
- शुरुआती सफलता के बाद इजरायल ने स्थिति संभाली.
- गोलेन हाइट्स पर इजरायल का कब्जा बरकरार.
- संघर्षविराम के बाद शांति वार्ता शुरू.
1982 का लेबनान गृहयुद्ध 1982 - इजरायल और सीरिया के बीच लेबनान में प्रभाव का संघर्ष.
- हिज़्बुल्लाह का उदय.
- इजरायल ने दक्षिणी लेबनान पर कब्जा कर लिया.
- सीरिया ने अन्य क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत की.
सीरिया-इजरायल शांति वार्ता 1990 के दशक - गोलेन हाइट्स का मुद्दा.
- अरब-इजरायल विवाद को हल करने का प्रयास.
- वार्ता असफल रही.
- इजरायल ने गोलेन हाइट्स से पीछे हटने से इनकार किया.
सीरिया में गृहयुद्ध और इजरायल की भूमिका 2011-वर्तमान - सीरिया के गृहयुद्ध में इजरायल की सीमाओं पर खतरा
- ईरान और हिजबुल्लाह का प्रभाव.
- इजरायल द्वारा सीरिया में ईरानी और हिज़्बुल्लाह ठिकानों पर हमले.
- गोलेन हाइट्स पर इजरायल की पकड़ मजबूत.

सीरिया पर क्यों हुए इतने आक्रमण?

सीरिया एशिया, अफ्रीका और यूरोप को जोड़ने वाले व्यापार मार्गों पर मौजूद है. यह प्राचीन 'रेशम मार्ग' (Silk Road) और 'व्यापार मार्गों' का अहम केंद्र था.
➤ समुद्री व्यापार और सैन्य अभियानों के लिए सीरिया एक बेहद केंद्र था. 
➤ सीरिया तेल और गैस जैसे संसाधनों से संपन्न क्षेत्रों के नजदीक है.
➤ सीरिया को नियंत्रित करने का मतलब था मध्य पूर्व और आसपास के क्षेत्रों पर सैन्य नियंत्रण.
➤ सीरिया की भौगोलिक संरचना (पर्वत, रेगिस्तान, और समुद्र) ने इसे एक रणनीतिक रक्षा केंद्र बनाया.
➤ सीरिया कई सभ्यताओं (सुमेरियन, अक्कादियन, अश्शूर, बेबीलोन, फारसी, यूनानी, रोमन) का केंद्र रहा है, जिससे यह सांस्कृतिक धरोहर का एक अहम हिस्सा बन गया.
➤ यहूदी, ईसाई और इस्लामी धर्मों के लिए सीरिया बहुत अहम है. दमिश्क और अलेप्पो जैसे शहर प्राचीन धार्मिक स्थलों के रूप में मशहूर हैं.

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