US: इस राज्‍य में गोली मारकर मौत की सजा देने की तैयारी, सीनेट ने पास किया 'खौफनाक' बिल
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US: इस राज्‍य में गोली मारकर मौत की सजा देने की तैयारी, सीनेट ने पास किया 'खौफनाक' बिल

US News: गैर-लाभकारी संगठन अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन (ACLU) ने कानून के पारित होने को ‘भयावह’ बताया है और नियम को 'पुरातन' करार दिया है. संगठन की इदाहो शाखा ने एक बयान में कहा, ‘फायरिंग  दस्ते विशेष रूप से भीषण होते हैं...इस तरह की घटनाएं इसमें शामिल सभी लोगों पर स्थायी निशान छोड़ती हैं.‘

US: इस राज्‍य में गोली मारकर मौत की सजा देने की तैयारी, सीनेट ने पास किया 'खौफनाक' बिल

Idaho US State: संयुक्त राज्य अमेरिका के इडाहो राज्य में, मौत की सजा पाने वाले कैदियों को जल्द ही एक फायरिंग दस्ते द्वारा मार डाला जा सकता है. एएफपी के अनुसार, राज्य विधानमंडल ने सोमवार को घातक इंजेक्शन उपलब्ध न होने की स्थिति में फायरिंग दस्ते द्वारा मौत की सजा देने की अनुमति देने वाला एक विधेयक पारित किया. कंजरवेटिव स्टेट की सीनेट ने बिल को 11 के मुकाबले 24 वोटों से पास कर दिया. बिल पर अब राज्यपाल के हस्ताक्षर होने के बाद यह कानून में बदल जाएगा.

एक बार राज्यपाल केर हस्ताक्षर हो जाने के बाद,  इडाहो पांचवां अमेरिकी राज्य बन जाएगा जो फायरिंग दस्ते द्वारा मौत की सजा को मंजूरी देगा. डेथ पेनल्टी इंफॉर्मेशन सेंटर के अनुसार अन्य चार राज्य यूटा, ओक्लाहोमा, मिसिसिपी और साउथ कैरोलिना हैं.

'कानून पारित होना भयावह’
गैर-लाभकारी संगठन अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन (ACLU) ने कानून के पारित होने को ‘भयावह’ बताया है और नियम को 'पुरातन' करार दिया है. संगठन की इदाहो शाखा ने एक बयान में कहा, ‘फायरिंग  दस्ते विशेष रूप से भीषण होते हैं...इस तरह की घटनाएं इसमें शामिल सभी लोगों पर स्थायी निशान छोड़ती हैं.‘

ACLU ने विशेषज्ञों का हवाला देते हुए, कहा कि फायरिंग दस्ते द्वारा मारे गए लोगों को ‘दर्द और यातना के चरम स्तर का अनुभव होने की संभावना है.’

घातक इंजेक्शन की कमी
फायरिंग दस्ते द्वारा मौत की अनुमति घातक इंजेक्शन के संभव न होने पर ही दी जाएगी. हाल ही में, ऐसे अमेरिकी राज्य जिनमें मृत्युदंड की अनुमति है, घातक इंजेक्शन के लिए जरूरी रसायनों को प्राप्त करने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं. यह कथित तौर पर दवा कंपनियों के विरोध के कारण है, जो फांसी के साथ अपना नाम जोड़ने से हिचकिचाती हैं.

संयुक्त राज्य अमेरिका में, 1976 से, दो पुरुषों और एक महिला को इस तरह से मौत की सजा दी गई है; आखिरी बार 2010 में यह सजा दी गई थी. इन तीनों लोगों को पश्चिमी अमेरिकी राज्य उटाह में मौत की सजा दी गई. 

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