Denmark: यहां नहीं है बच्चा चोरी का डर, रोड किनारे पालने में छोड़कर शॉपिंग करने चले जाते हैं पैरेंट्स!
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Denmark: यहां नहीं है बच्चा चोरी का डर, रोड किनारे पालने में छोड़कर शॉपिंग करने चले जाते हैं पैरेंट्स!

Trending News: डेनमार्क और फिनलैंड में ऐसा लंबे समय से चल रहा है. यहां अभिभावक सड़क किनारे पालने में बच्चे को सुलाकर शॉपिंग करने चले जाते हैं या फिर रेस्टोरेंट में खाने चले जाते हैं. इन दिनों सोशल मीडिया पर ऐसा ही एक वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें रोड किनारे बच्चे हैं.

बच्चों को इस तरह पालने में छोड़कर चले जाते हैं पैरेंट्स

Denmark Secure for Kids: भारत में अक्सर पैरेंट्स बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं. वे उन्हें समझाते रहते हैं कि घर से कभी अकेले मत निकलना. इसकी वजह यहां बच्चा चोरी और अपहरण के बढ़ते मामले हैं. अक्सर आप बच्चा चोरी की खबरें पढ़ते और सुनते भी होंगे, लेकिन कोई अगर आपसे ये कहे कि कुछ देश ऐसे भी हैं जहां अभिभावकों को इस तरह का डर नहीं रहता और वे बच्चों को रोड किनारे पालने में सुलाकर शॉपिंग करने चले जाते हैं तो आप शायद भरोसा न करें, लेकिन यह हकीकत है. डेनमार्क में अक्सर लोग ऐसा करते हैं और कमाल की बात ये है कि यहां बच्चे चोरी भी नहीं होते. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.

डेनमार्क और फिनलैंड में काफी पुरानी है यह प्रथा

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डेनमार्क और फिनलैंड में ऐसा लंबे समय से चल रहा है. यहां अभिभावक सड़क किनारे पालने में बच्चे को सुलाकर शॉपिंग करने चले जाते हैं या फिर रेस्टोरेंट में खाने चले जाते हैं. इन दिनों सोशल मीडिया पर ऐसा ही एक वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें डेनमार्क में जगह-जगह रखे पालने नजर आ रहे हैं. पालने में बच्चे हैं और इन्हें पैरेंट्स खुद छोड़कर गए हैं. इसके बाद इस प्रथा के बारे में विस्तार से बताया गया है.

इस प्रथा के पीछे हैं कुछ कारण

रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रथा काफी पुरानी है और इसके पीछे कई कारण भी बताए गए हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि डेनमार्क में क्राइम बहुत कम है. अगर आफ वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू वेबसाइट की रिपोर्ट को देखेंगे तो पाएंगे कि साल 2022 में क्राइम के मामले में डेनमार्क 117वें नंबर पर है. क्राइम न होने की वजह से पैरेंट्स में बिल्कुल भी असुरक्षा नहीं होती और वह बेखौफ होकर बच्चों को रोड किनारे छोड़ देते हैं. इसके अलावा ऐसा करने के पीछे की दूसरी वजह ये भी है कि पैरेंट्स को लगता है कि बच्चों को भीड़ में और बंद जगह पर सुलाने या रखने से बेहतर उन्हें खुले माहौल में छोड़ना है. इसी सोच के साथ वे बच्चों को बाहर पालने में छोड़कर चले जाते हैं.

 

सावधानी है जरूरी

बेशक अभिभावक बच्चों के अच्छे के लिए ऐसा कर रहे हों, लेकिन इसमें बहुत ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है. दरअसल, खुले में भले ही क्राइम का डर न हो लेकिन उन्हें अकेले छोड़ने से कीड़े, जानवर या पक्षियों के हमले का भी खतरा रहता है. हालांकि वहां के लोग इन सावधानियों का पूरा ध्यान रखते हैं. डेनमार्क के लोग बच्चों को रोड पर छोड़ते वक्त ऐसी जगह चुनते हैं जहां से नजर रख सकें. उन्हें छोड़ते वक्त पालने के पहिये को लॉक कर दिया जाता है और बच्चों को ऊपर सही से कवर कर दिया जाता है ताकि कीड़े, जानवर या धूप से उन्हें नुकसान न पहुंचे. 

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