मछुआरे के जाल में फंसा दूसरे विश्व युद्ध का 130 किलो वजनी बम, जानें फिर क्या हुआ?
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मछुआरे के जाल में फंसा दूसरे विश्व युद्ध का 130 किलो वजनी बम, जानें फिर क्या हुआ?

Second World War Bomb: दूसरे विश्व युद्ध के बमों के पाए जाने की खबरें अक्सर दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में आती रहती हैं. इससे पहले सितंबर में सिंगापुर और अगस्त में जर्मनी में ऐसी ही बम मिले थे. 

मछुआरे के जाल में फंसा दूसरे विश्व युद्ध का 130 किलो वजनी बम, जानें फिर क्या हुआ?

 World News in Hindi:  डेनमार्क के द्वीप लैंगलैंड के पास पानी में दूसरे विश्व युद्ध के समय के एक बम में विस्फोट किया गया. बीबीसी रिपोर्ट के मुताबिक एक मछुआरे के जाल में 130 किलोग्राम का हथियार फंसने के बाद उसने तुरंत अधिकारियों को सूचित किया.

डेनिश नौसेना ने बम को वापस पानी में रख दिया और उसमें 10 किलो विस्फोटक चार्ज जोड़ दिया, जिससे नियंत्रित विस्फोट संभव हो सका. रक्षा विभाग के अनुसार, विस्फोट सतह से 15 मीटर (49 फीट) नीचे हुआ.

सिंगापुर में भी मिला था दूसरे विश्व युद्ध का बम
बता दें इससे पहले सिंगापुर में दूसरे विश्व युद्ध का बम मिला था. सिंगापुर सेना के एक्सपर्ट्स ने 26 सितंबर को एक निर्माण स्थल पर पाए गए 100 किलोग्राम के इस बम में विस्फोट कर दिया. समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, नियंत्रित विस्फोट से पहले आस-पास के घरों से 4,000 से अधिक लोगों को निकाला गया.

पुलिस के मुताबिक बिना विस्फोट वाला हवाई बम सिंगापुर के उत्तरपूर्वी उपनगर बुकिट तिमाह में पाया गया, जहां एक कॉन्डोमिनियम या कॉन्डो बनाया जा रहा था. पुलिस ने बताया कि गैर-विस्फोटित हवाई बम को ले जाना असुरक्षित माना गया और इसलिए सेना द्वारा इसे साइट पर ही नष्ट कर दिया गया.

जर्मनी में 13, 000 लोगों को घर छोड़ जाना पड़ा
वहीं अगस्त में जर्मनी के डसेलडोर्फ में दूसरे विश्व युद्ध का एक बम मिला. जर्मन समाचार आउटलेट डॉयचे वेले (डीडब्ल्यू) की रिपोर्ट के मताबिक बिना फटे बम को नष्ट करने के लिए एक पुलिस और बम दस्ते ने एक अभियान चलाया और इसके लिए 13,000 लोगों को अपना घर छोड़ने के लिए कहा गया. रिपोर्ट के मुताबिक कथित तौर पर अमेरिका निर्मित बम का वजन 500 किलोग्राम (1100 पाउंड) है. यह बम 7-8 अगस्त को शहर के चिड़ियाघर के पास वर्किंग आवर्स के दौरान मिला था.

(फोटो- फाइल)

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